सफलता के लिए प्रेरणादायक कहानी| Motivational story in hindi for success
जीवन में कामयाबी हासिल करने के लिए ,अपने लक्ष्य को पाने के लिए, और बड़ा आदमी बनने के लिए किसी व्यक्ति के अंदर प्रतिभा , मेहनत , जोश, जुनून, आत्मविश्वास , और सबसे ज्यादा किस्मत का धनी होना जरूरी होता है । पर एक चीज और है जिसके बगैर दुनिया का कोई भी व्यक्ति सफल नही हो सकता और वो चीज है, continuationʼ
यानि ‘निरंतरता । जी हाँ दोस्तों दुनिया का कोई भी व्यक्ति चाहे कितना भी प्रतिभावान, मेहनती, जुनूनी, और किस्मतवाला क्यों ना हो, जब तक वह निरंतर अभ्यास के द्वारा अपने प्रतिभा को और बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास नही करता तब तक वह सफल नही हो सकता । हो सकता है किस्मत उसको अपनी ताकत से फर्श से अर्श पर पहुंचा दे परंतु अगर उसके अंदर निरंतरता नही है तो उसे वापस अर्श से फर्श पर आने में ज्यादा वक्त नही लगेगा । दुनिया में लाखों व्यक्ति सब कुछ होते हुए भी सिर्फ इसी वजह से असफल हो जाते है कि वे किसी एक लक्ष्य पर निरंतर फोकस करने के बजाय बार-बार अपना लक्ष्य बदलते रहते है । अतः इस बात को अच्छी तरह समझने के लिए इस कहानी को पढ़ना जरूरी है ।
Motivational story in hindi for success
एक गांव में एक किसान अपने पत्नी और बच्चों के साथ रहता था । उस गांव में कोई कुआं या चापाकल नही था, इसलिए उसकी की पत्नी को गांव से दूर नदी से पानी लाने जाना पड़ता था । क्यों ना अपने घर के बाहर एक कुआं खोदा जाए,ताकि उसकी पत्नी को इतनी दूर पानी के लिए नही जाना पड़े । यह सोचकर किसान ने अपने घर के बाहर कुआं खोदना शुरू कर दिया । करीब एक घंटे तक गढ्ढा खोदने के बाद जब पानी नही निकला, तो उसने सोचा शायद यहां पानी नही निकलेगा ।फिर उसने वहां से थोड़ा हटकर दुसरी जगह गढ्ढा खोदना शुरू किया । खोदते – खोदते उसने लगभग पांच -छह फुट गहरा गढ्ढा खोद दिया ,परंतु वहां से भी पानी नही निकला । फिर वह वहां से थोड़ा हटकर दुसरी जगह गढ्ढा खोदने लगा । परंतु वहां से भी पानी नही निकला । इसी तरह उसने अलग अलग कई जगह गढ्ढे खोद दिये मगर कहीं से भी पानी नही निकला । तब तक किसान बुरी तरह थक गया था और शाम भी हो गई थी । अब किसान मारे निराशा के वहीं पर बैठ कर रोने लगा । तभी उसी रास्ते से एक राहगीर निकला, उसने किसान को उन गड्ढों के पास रोते हुए देखा तो
पास आकर बोला, ! ‘क्या बात है भाई तुम क्यों रो रहे हो ? किसान ने उसे सारी बात बता दी । राहगीर ने कहा, ‘ जितनी मेहनत और समय तुमने अलग अलग गढ्ढे खोदने में लगाया है, उतना समय और मेहनत तुम एक ही जगह पर लगाते तो अब तक कुआं खुद गया होता और पानी भी निकल गया होता । बात अब किसान के समझ मे आ गई थी ।
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