खुद का भविष्य कैसे जाने, बिना ज्योतिषी के। how do you know your future hindi

आजकल बहुत से लोग अपने भविष्य को जानने की उत्सुकता से ज्योतिषी [astrologer]  के पास जाते है परंतु वहाँ उनको ठग लिया जाता और उनको सही जबाब भी नही मिलता। लेकिन हम यहाँ एक ऐसे अटल सिद्धांत के बारे मे बताने जा रहे है जिसके द्वारा आप बिना किसी ज्योतिषी के [astrology] अपना भविष्य जान सकते हैं।

क्या अपना भविष्य देखने का कोई तरीका है?

जिज्ञासा मनुष्य का कुदरती स्वभाव है जिसके कारण मनुष्य हमेशा संभव से आगे निकल कर असंभव को देखना चाहता है । आज से नही बल्कि हजारों साल पहले से मनुष्य भविष्य को वर्तमान में देखने की कोशिश कर रहा है । दुनिया भर के कई वैज्ञानिक ऐसा कोई यंत्र बनाने में लगे हुए है जिससे भविष्य को देखा जा सके । दुनिया में ऐसे बहुत से लोग है जो अपने भविष्य को जानने की उत्सुकता से ज्योतिषाचार्य और संतो  के पास जाते है परंतु वहा भी उनको सही जबाब नही मिलता। आजकल तो astrotalk और astroyogi जैसे आनलाइन ऐप भी आ गये है। जिनके द्वारा कथित ज्योतिष और गुरु लाखों लोगों को चूना लगा रहे हैं। आजकल के ज्योतिष और साधु-संतो को खुद अपने भविष्य का पता नही है फिर वे बेचारे दुसरे का भविष्य कैसे बतायेंगे । मेरे कहने का ये मतलब नही है कि ज्योतिष शास्त्र या योग विद्या द्वारा भविष्य को नही देखा जा सकता परंतु भविष्य देखने के लिए जिस सिद्धि और दिव्य ज्ञान की जरूरत होती है। वह आजकल के लाखों ज्योतिषाचार्यों और संतो में किसी एक के पास ही मिलती है । लेकिन हम यहाँ एक ऐसे अटल सिद्धांत के बारे मे बताने जा रहे है जिसके बल पर भविष्य को पूर्णतः देखा तो नही जा सकता, लेकिन अनुमान लगाया जा सकता है

● आपके हाथ में है आपका भविष्य

किसी व्यक्ति के भविष्य का निश्चय तीन बातों पर निर्भर करता है । पहला उसकी सोच, दुसरा उसके कर्म, और तीसरा उसकी आदत । आपने सुना ही होगा कि जो जैसा सोचता है वह वैसा ही बन जाता है क्योंकि पहले हम सोचते है फिर कर्म करते है और हम रोजाना जो कर्म करते है वह हमारी आदत बन जाती है और हमारी आदतें ही हमारा भविष्य तय करती है । यदि हमारी सोच नकारात्मक है, हमारे कर्म बुरे है और हमारी आदतों में आलस्य कामचोरी और बेईमानी शामिल है तो हमारा भविष्य कभी उज्ज्वल नही हो सकता और यदि हमारी सोच सकारात्मक है, हमारे कर्म अच्छे है और मेहनत लगन और ईमानदारी हमारी आदतों में शामिल है तो हमारा भविष्य निश्चित रूप से अच्छा ही होगा ।

• खुद करें अपने भविष्य का निर्माण

 हमे दूसरों से अपना भविष्य पूछ कर अपना मनोबल गिराने के बजाय अपने कर्मो को श्रेष्ठ बनाने पर ध्यान देना चाहिए । हमेशा सबसे साथ भलाई सोचना चाहिए, इससे हमे दूसरों का शुभ आशिर्वाद तो मिलेगा ही साथ में हमे ईश्वर का सहयोग भी मिलेगा क्योंकि जो दूसरों के साथ भलाई करता है ईश्वर उसके साथ कभी बुरा नही होने देता । यदि आपको किसी के साथ अच्छा करने के बाद भी दुखद परिणाम मिलता है तो उसे अपने कर्म का परिणाम मान कर खुशी-खुशी सहन कर लेना चाहिए । वर्तमान में हमने जो अच्छा कर्म किया है उसका परिणाम कभी बुरा नही हो सकता क्योंकि बीज किसी और जाति का हो और फल किसी और जाति का हो जाए ऐसा कभी नही हो सकता ।अतः आपके वर्त्तमान के कर्म ही आपका भविष्य तय करते है ।

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