नवरात्रि में बहुत सारे लोग अपने शरीर, मन और आत्मा का शुद्धिकरण करने और देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उपवास रखते हैं लेकिन अधिकांश लोग नवरात्रि व्रत का महत्व और उपवास के नियम ठीक से नही जानते इसलिये आज हम जानेंगे कि नवरात्रि व्रत का महत्व क्या है और नवरात्रि में उपवास करने के दौरान किन-किन नियमों का पालन करना चाहिये।
• शारदीय नवरात्र 2025 कब है?
| 22 सितंबर 2025, सोमवार | घटस्थापना | प्रतिपदा |
| 23 सितंबर 2025, मंगलवार | माँ ब्रह्मचारिणी पूजा | द्वितीय |
| 24 सितंबर 2025, बुधवार | माँ चंद्रघंटा पूजा | तृतीया |
| 25 सितंबर 2025, गुरुवार | माँ कुष्मांडा पूजा | चतुर्थी |
| 26 सितंबर 2025, शुक्रवार | माँ स्कंदमाता पूजा | महा पंचमी |
| 27 सितंबर 2025, शनिवार | माँ कात्यायिनी पूजा | महा षष्ठी |
| 28 सितंबर 2025, रविवार | माँ कालरात्रि पूजा | महा सप्तमी |
| 29 सितंबर 2025, सोमवार | माँ महागौरी पूजा | महाअष्टमी |
| 30 सितंबर 2025, मंगलवार | माँ सिद्धिदात्री पूजा | महा नवमी |
| 01 अक्टूबर 2025, बुधवार | विजया दशमी |
मां दुर्गा के नौ रूपों के नाम – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री,
• नवरात्र व्रत का महत्व
नवरात्रि व्रत के नियम
नवरात्रि व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए कुछ अत्यंत जरूरी नियमों का पालन करना चाहिए।
व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें और मन को संयमित तथा शांत रखें।
झूठ बोलना, क्रोध करना, किसी महिला या कन्या का अपमान करना वर्जित माना जाता है।
व्रत में तामसिक चीजें, मद्यपान, धूम्रपान, गुटखा, पान आदि ना लें।
नकारात्मक विचारों से दूर रहें और घर तथा पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें।
प्रतिदिन माता दुर्गा की विधिवत पूजा और आरती करें, पूजा में जल, फूल, कुमकुम, चंदन, अक्षत आदि का प्रयोग करें।
नौ दिनों तक दीपक जलाएं, कोशिश करें की दीपक अखंड रहे।
हर रोज एक कन्या की पूजा और भोजन कराना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
नवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत का पारण करें।
बीमार, बच्चे, बूढ़े और रजस्वला स्त्री को व्रत रखवाना उचित नहीं है; अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार व्रत रखें।
नवरात्रि में उपवास के नियम
नवरात्रि उपवास में क्या नही खाना चाहिए?
जो लोग नवरात्र में उपवास रखना चाहते है उन्हें नवरात्र शुरू होने के दो -तीन दिन पहले से ही मांस मछली और अधिक मसालेदार भोजन का त्याग कर देना चाहिए। तकि शरीर उपवास के लिये धीरे-धीरे तैयार हो सके।
उपवास के दौरान मांस मछली,शराब ,लहसुन, प्याज और और किसी प्रकार के नशे का सेवन नही करना चाहिए
तली-भुनी और बाहर की चीजों से परहेज करें। व्रत के दौरान गेहूं और चावल जैसे अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए.
नवरात्रि उपवास में क्या खाना चाहिए
फल, दूध, दही, मखाना, साबूदाना, सूखे मेवे: जैसे- खजूर बादाम, किशमिश ईत्यादि खा सकते हैं। उबले आलू और शकरकंद भी खा सकते हैं
नवरात्रि उपवास के लाभ
उपवास करना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है ,क्योंकि उपवास करने से हमारे पाचनतंत्र को आराम मिलता है ,जिससे हमारा शरीर स्वस्थ होता है ,और हमारा पाचनतंत्र मजबूत होता है । उपवास करने से कब्ज अपच गैस जैसी पेट की अन्य बिमारियों में आराम मिलता है। परंतु नवरात्र में उपवास का महत्व और बढ़ जाता है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्र में उपवास रखने से मां दुर्गा की असीम अनुकंपा प्राप्त होती है। हमारा अन्तर्मन बुरे विचारों से मुक्त होता है और भक्ति भाव का संयोग होने से हमारे विचारों में पवित्रता आ जाती है। और उपवास के दौरान जो लोग मानसिक और शारीरिक रूप से स्वयं को संयमित रखते हैं, उनका मन शांत होता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।
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पारण कब और कैसे करें

