why money is important for meaningful life |जीवन में अमीर बनना क्यों जरूरी है?
हम सब इस दुनिया में सुखी और समृद्ध जीवन जीने के लिए आए है । हम इस दुनिया में मौजूद सभी मानवीय संभावनाओं को साकार करने तथा स्वयं को आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक रूप से विकसित करने के लिए आए हैं। परंतु जब तक हम अपनी बुनियादी आवश्यकताओं से मुक्त नहीं हो जाते, तब तक हमारे मनुष्य जीवन का सर्वांगीण विकास असंभव है। हमारे पास उतने पैसे होने ही चाहिए, जितने की ज़रूरत हमारे सुखी और समृद्ध जीवन जीने के लिए होगी। यानी एक सार्थक जीवन लिए हमारा अमीर होना बहुत जरूरी है। “क्यों जरूरी है” आज इस आर्टिकल में हम इसी विषय पर बात करेंगे।
मनुष्य के रूप में हमारे जीवन के तीन मुख्य आयाम होते हैं। शरीर, मन और आत्मा। इन तीनों आयामों की कुछ बुनियादी आवश्यकताएं होती हैं। शारीरिक आवश्यकताएं, मानसिक आवश्यकताएं और आध्यात्मिक आवश्यकताएं। जिन्हें पूरा करना हमारे सुख समृद्धि और खुशी के लिए अनिवार्य शर्त होता है। परंतु इन तीनों आयामों का संभावित विकास बड़ी गहनता से पैसे के साथ जुड़ा हुआ हैं।
“कैसे, आईए जरा इसके महत्वपूर्ण पहलूओं पर बारी-बारी से गौर करते हैं।”
हमारी सबसे पहली आवश्यकता है, “जीवित रहने की आवश्यकता।” इस आवश्यकता को संतुष्ट करने के लिए यह आवश्यक है कि हमारे पास जीवित रहने के लिए पर्याप्त भोजन पानी, कपड़े और रहने की जगह हो। जब तक हमारे और हमारे परिवार की यह आवश्यकता पूरी नहीं हो जाती तब तक हम सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे, तब तक हम तनावग्रस्त और दुखी ही रहेंगे। और दुःख की बात यह है कि दुनिया के तीन चौथाई से ज्यादा लोग इसी आवश्यकता को संतुष्ट करने में पूरी ज़िंदगी गुज़ार देते हैं। उन्हें रोजीरोटी कमाने से फुर्सत ही नहीं मिलती कि वे अपना अवलोकन कर सकें, अपने अस्तितव के बारे में जान सकें या अपने सर्वोच्च संभावनाओं की तलाश कर सकें। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आप इन एक तिहाई लोगों में शामिल ना हो तो आपको अमीर जरूर बनना चाहिए।
हमारे जीवन की दुसरी बुनियादी जरूरत है, “बेहतर स्वास्थ्य।” यह शायद अच्छे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। हम सभी जीवन भर इसकी तलाश में रहते हैं। जब हम आदर्श स्वास्थ्य के उच्च स्तर और ऊर्जा के सतत प्रवाह का आनंद लेते हैं, तभी हम सचमुच ख़ुश होते हैं। परंतु इसके लिए भी हमारा अमीर होना जरूरी है। क्योंकि आप जानते हैं कि इंसान को स्वस्थ रहने के लिए पैष्टिक भोजन लेना सबसे आवश्यक है। जिससे उचित मात्रा में फल सब्जियां और दुध, दही, मांस मछली इत्यादि शामिल हो। अर्थात उसमें सभी प्रकार के विटामिन, खनिज लवण और उचित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन हो। लेकिन इस भयंकर महंगाई के दौर में इतना संतुलित प्रबंधन करना सरल काम नहीं है। शायद इसीलिए आज दुनिया की आधी आबादी कुपोषण की शिकार हैं। जरा कल्पना किजिए कि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य गंभीर रूप से बिमार हो जाएं और आपके पास इलाज के लिए लाखों रुपए ना हो तो आपकी क्या हालत होगी। अब आप सोच सकते हैं कि आपका अमीर बनना क्यों जरूरी है।
हमारी जीवन की तीसरी जरूरत है, “आर्थिक आजादी।” हमारे पास जीवन-यापन के लिए इतने
पैसे तो सेव होने ही चाहिए कि अचानक आएं किसी मुसीबत से सुरक्षित रह सकें। हमें किसी के आगे हाथ ना फैलाना पड़े। हमारे पास इतने पैसे होने ही चाहिए कि हम बिना किसी दबाव में अपनी मर्जी से काम कर सकें। क्योंकि मैंने महसूस किया है कि जब तक हम किसी दबाव में काम करते हैं, तब तक हमारा व्यक्तित्व पूरी तरह उभर कर सामने नहीं आ पाता। या हमारे या हमारे परिवार की आर्थिक सुरक्षा पर किसी तरह का जोखिम नज़र आता है, तो हम पूरी तरह उसी में उलझ जाते हैं। उदाहरण के लिए, यह कल्पना करके देखें कि आपकी नौकरी अचानक चली गई है या फिर से कुछ महीनों के लिए लाॅकडाउन लग गया है। कल्पना कीजिए कि आपको कर्ज के लिए किसी की खुशामद कर रहे हैं और वह व्यक्ति आपकी बेइज्जती कर रहा है। फिर आप सोचें कि आपको अमीर क्यों बनना चाहिए।
हमारे जीवन की चौथी आवश्यकता है, “अपने आत्मसम्मान की सुरक्षा”
देखिए “मनुष्य एक सामाजिक पशु है।” हमें जीवन की हर अवस्था में समाज में दूसरों के साथ रहने, काम करने और जीने के लिए बनाया गया है। इसलिए हमारी ख़ुशी, सुख या दुख दूसरे लोगों के साथ हमारे संबंधों पर भी निर्भर करती है। हम में से हर व्यक्ति चाहता है कि उसे परिवार,समाज,अथवा अपने कार्य क्षेत्र में प्यार, सम्मान और आदर मिलें। आत्मसम्मान हमारी मानसिक जरूरत है। जो हमारे आस-पास के दूसरे लोगों से प्रेम और स्वीकृति की आकांक्षा करता है। प्रेम और सम्मान हमारे के लिए उतना ही ज़रूरी है, जितना कि पौधों के लिए खाद और पानी। पर्याप्त प्रेम और सम्मान न मिलने पर ही मनुष्य में मानसिक और व्यक्तित्व-संबंधी समस्याएँ देखी जाती हैं। सुखी रहना तभी संभव है, जब आत्मसम्मान की आवश्यकताएँ पूरी तरह से संतुष्ट हो रही हों। परंतु विडम्बना ये है कि आजकल हमारे समाज में उन्हीं लोगों का आदर सम्मान होता जिनके पास ज्यादा धन है या जो ज्यादा पैसे कमा रहे हैं। गरीब या औसत आदमी को हर जगह तुच्छ और हेय दृष्टि से देखा जाता है। गरीब आदमी की कहीं भी कोई कदर नहीं है। मैंने तो देखा है कि गरीब आदमी को अपने घर में भी मान और सम्मान नहीं मिलता। इसलिए यदि आप परिवार समाज में आदर और सम्मान पाना चाहते हैं तो आपको अमीर जरूर बनना चाहिए।
हमारे जीवन की पांचवीं और सर्वोच्च आवश्यकता है, “अध्यात्मिक विकास।” इस दुनिया में 2% प्रतिशत से भी कम लोग व्यक्तिगत संतुष्टि के इस स्तर पर पहुँच पाते हैं। अधिकांश लोग तो अपनी प्राथमिक आवश्यकताओं में ही उलझे रहते हैं। इस कारण वे आत्मिक विकास के बारे में सोचते भी नहीं हैं या इस दिशा में प्रयास ही नहीं करते हैं। परंतु जब हम अपनी आर्थिक जरूरतों से आजाद हो जाते हैं तब हमें ये एहसास होता है कि हम में कुछ करने या बनने की जबर्दस्त व्यक्तिगत संभावना है तब हम इस दिशा में प्रयास करते हैं। हमे सच्ची खुशी तब मिलती है जब हमें लगता है कि वे अपने जीवन में कुछ सार्थक और महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं। हमे महसूस होता है कि हम वह बन रहे हैं, जिसके लिए हमें बनाया गया है। लेकिन जीवन में हम सबसे पहले तो अपनी आर्थिक जरूरतों की भरपाई करने का प्रयास करते हैं उसके बाद ही अपनी उच्चतम संभावनाओं को साकार करने के बारे में सोचते हैं। यानी जब हमारी शारीरिक और मानसिक आवश्यकताएँ संतुष्ट हो जाती हैं, तभी हम अपने अध्यात्मिक विकास की यात्रा शुरू करते हैं। इस दृष्टिकोण से देखें तो आपका अमीर बनना और भी ज्यादा जरूरी है क्योंकि जब तक आप अपनी बुनियादी जरूरतों से मुक्त नहीं हो जाते तब तक आप अपने आध्यात्मिक और मानसिक शक्तियों को विकसित करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा सकते। और ना ही अपने मानव जीवन का पुर्ण आनंद ले सकते हैं।
कुछ लोग कहते हैं कि पैसा ही सभी बुराईयों की जड़ है। “जो भी बहुत ज्यादा पैसे कमाता है, वह हमेशा चोर, बेईमान और बदमाश होता है।” इस तरह से बोलने और सोचने वाला व्यक्ति आम तौर पर वित्तीय बीमारी का शिकार होता है। शायद वह अपने पुराने दोस्तों के प्रति कटु और ईष्र्यालु होता है, जो ज़्यादा दौलतमंद बन गए हैं। पैसे को लेकर यह एक नकरात्मक दृष्टिकोण और गलत अवधारणा है। सच तो ये है कि यह न सिर्फ़ अच्छी है, बल्कि बहुत अच्छी है। हमारे जीवन की सारी जरूरतें पैसे से ही जुड़ी हुई हैं। पैसा हमारे जीवन की आधी से भी ज्यादा समस्याओं को हल कर सकता है। इसलिए आपको अमीर जरूर बनना चाहिए।
लेकिन यहां एक और बात है, अगर आप केवल अमीर बनने पर ही पूरा ध्यान लगाते हैं और बाक़ी किसी चीज़ को कोई महत्व नहीं देते,” या अनुचित तरीके से पैसे कमाते हैं तो हो सकता है कि आप ढेर आप पैसा कमा लें, लेकिन आप इसकी बहुत बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ेगी। और हो सकता है कि उस कीमत के आगे आपकी सारी दौलत भी कम पड जाए। इसलिए आपको याद रखना होगा कि आप इस दुनिया में संतुलित जीवन जीने के लिए आए हैं। आपको अमीरी की यात्रा में मानवीय मूल्यों का भी ध्यान रखना चाहिए। आपको मानसिक शांति, सद्भाव, प्रेम, खुशी और संपूर्ण स्वास्थ्य की आवश्यकता को भी संतुष्ट करना चाहिए।
तो आज से यह बात समझ लें कि आप इस धरती पर किसी दड़बे में रहने, बदहाली में जीने या गरीबी में मरने के लिए नहीं आए हैं। आप यहाँ अधिक समृद्ध जीवन जीने के लिए आए हैं। आपको अमीर बनने का मूलभूत अधिकार है। आपको अमीर जरूर बनना चाहिए और जब आप ऐसा कर लेते हैं, तो आपके पास अपनी ज़रूरत का सारा पैसा होगा और शायद ज़रूरत से ज़्यादा भी। इसलिए अमीर बनने की अपनी इच्छा के बारे में शर्मिंदा महसूस न करें। गहनतम स्तर पर यह इच्छा बेहतर और अद्भुत जीवन जीने की इच्छा है। यह पूरे ब्रह्मांड की इच्छा है। ईश्वर भी नहीं चाहता कि उसके बच्चे गरीबी में जिएं। वह भी आपको अमीर बनाना चाहता है इसलिए आपको अमीर जरूर बनना चाहिए।
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