‘प्यार या परिवार’ यदि दोनों में से किसी एक को चुनना पड़े तो किसे चुनना चाहिए

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दोस्तों अगर आपकी life में कभी ऐसा मोड़ आ जाएं जहां पर आपको प्यार और परिवार दोनों में से किसी एक को चुनना पड़े, तो आप किसे चुनेंगे। आज इस आर्टिकल में हम इसी topic पर बात करने वाले हैं कि प्यार और परिवार दोनों में से कौन ज्यादा जरूरी है और ये भी बतायेंगे कि आपको इस situation में क्या करना चाहिए। दोस्तों हम खुद भी इस situation से गुजर चुके हैं  और इस article में हमने जो भी लिखा है वह अपने खुद के experience के आधार पर लिखा है इसलिए हमें पूरा यकीन है कि यह आपको जरूर पसंद आएगी।

प्यार और परिवार दोनों ही आपके जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं इसलिए सबसे पहले तो आपकी पुरी कोशिश यहीं होनी चाहिए कि आपको प्यार और परिवार दोनों का साथ मिलें  परंतु यदि ऐसा संभव होता दिखाई ना दे तो कोई भी निर्णय लेने से पहले आपको कुछ बातों को गौर से समझ लेना चाहिए।
क्योंकि एक तरफ आपका प्यार होता है। जिससे आप खुद से ज्यादा प्यार करते हैं। जिसके साथ आपके जीवन के सारे सपने जुड़े होते है। आपकी सारी खुशियां जुड़ी होती है। और जिसके बिना शायद आपको जिंदगी में कोई खुशी, कोई रंग मालूम नहीं होगी।
लेकिन दूसरी तरफ आपका परिवार भी होता है। जिसमें आपके मां-बाप भाई-बहन होते हैं।आपको शायद पता भी नहीं होगा कि वे आपसे तब से प्यार करते हैं जब आप इस दुनिया में भी नहीं आएं थे। जिनकी सारी उम्मीदें आप पर ही टिकी हुई है। जिनकी सारी खुशियां आपसे ही शुरू होती है और आप पर ही खत्म होती है। वो मां बाप जिन्होंने आपके लिए हजारों कुर्बानियां दी। जिन्होंने आपकी खुशियों के लिए अपनी खुशियों का गला घोंट दिया।
ऐसे में आपको सारी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए समझदारी भरा फैसला करना चाहिए। क्योंकि यदि आप बिना सोचे समझे जज्बात में आकर कोई गलत कदम उठा लेते हैं तो शायद आपको जीवन भर पछताना पड़ सकता है। और अक्सर ऐसा देखा भी जाता है कि समझदार लोग भी ऐसे अवसरों पर गलत फैसला ले लेते हैं। हां ये भी सच है कि जिंदगी आपकी है और आपको अपने हिसाब से जीने का पूरा हक है लेकिन आपको ये भी नहीं भूलना चाहिए कि आपके जिंदगी के साथ कई जिंदगियां जुड़ी हुई है और आपकी एक छोटी सी गलती एक साथ कई जिंदगियों को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। और क्या पता जो बात आज आपको सही लग रही हो वो भविष्य में जाकर पूरी तरह गलत साबित हो जाए। अब यहां पर आपके दिल में ये भी विचार आया होगा कि “दिल के फैसले दिमाग से नहीं लिए जाते” तो याद रखें कि कि अब जमाना बदल चुका है। अब ना तो पहले जैसा प्यार है और ना परिवार। बहरहाल आइए अब बात करते हैं कि आपको किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
इसे बाद में पढ़ें:- सच्चा प्यार क्या होता है?

सच्चे प्यार की करें पहचान

सबसे पहले तो आपको इस बात पर विचार करना चाहिए कि जिस प्यार के लिए आप सारी दुनिया छोड़ देना चाहते हैं वह प्यार सच्चा भी है या नहीं। कहीं ऐसा तो कि आप कोयले को हीरा समझ रहे हो।इस बात का परीक्षण करने के लिए यह जरूर याद रखें कि यदि कोई लड़की आपसे सच्चा प्यार करती है तो वह कभी नही चाहेगी कि आप उसके लिए अपने परिवार को छोड़ दें और ना ही वह ऐसा करने के लिए आपको मजबूर करेंगी।
क्योंकि सच्चा प्यार उसे कहते हैं जब दो लोग मिलकर पुरी तरह से एक हो जाएं। उनके बीच किसी बात का भेद ना रहे। सच्चा प्यार केवल दिल से ही नहीं आपकी आत्मा से भी जुड़ा होता है। इसलिए उसे भी इस बात का एहसास होगा कि आप अपने परिवार को छोड़ कर खुश नहीं रह सकेंगे। इसलिए वह आपसे बार-बार कहेंगी कि आप उसके लिए अपने परिवार को ना छोड़े। ऐसी स्थिति में वह भी अच्छा महसूस नहीं करेगी क्योंकि सच्चे प्यार की यही पहचान होती है कि वह अपने प्यार को दुःखी नहीं देख सकती। तो यदि कोई लड़की आपसे सच्चा प्यार करती है तो आपकी खुशियों के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हो जाएगी।
लेकिन यदि कोई लड़की आपसे कहे कि आप अपने मां बाप को छोड़ दें तो इसका अर्थ है कि वह आपसे सच्चा प्यार नहीं करती और उसे आपके खुशियों की परवाह बिल्कुल नहीं है। इस स्थिति में आपको बेहिचक अपने परिवार को ही चुनना चाहिए। क्योंकि जहां तक मेरा मानना है, आपके मां बाप से ज्यादा दुनिया में कोई और आपसे प्यार नहीं कर सकता।
यह बात हम लड़कियों से भी कहना चाहेंगे कि अगर कोई लड़का आपको अपना परिवार छोड़कर अपने साथ भागने के लिए कहें तो समझ जाएं कि वह आपसे सच्चा प्यार नहीं करता। ऐसे में आप भी अपने परिवार को ही चुनें। हालांकि एक-आध मामलों में परिस्थितियां इसके विपरीत भी हो सकती है। ऐसे में आप इस बात को प्राथमिकता दें कि आपको अपने प्यार पर ज्यादा भरोसा है या अपने परिवार पर। अथवा किसे आप पर ज्यादा भरोसा है।

मां-बाप की मजबुरियां या स्वार्थ

अब जरा बात करते हैं परिवार के बारे में तो ऐसा आजकल अक्सर देखा जाता है कि मां बाप अपने बच्चों के प्यार को स्वीकार नहीं करते। इसके पीछे उनकी कुछ  मजबुरियां भी होती है और स्वार्थ भी।
अधिकांश मामलों में परिवार की झुठी शान और समाजिक प्रतिष्ठा आड़े आती है। ऐसा तब होता है जब लड़का या लड़की के सामाजिक और आर्थिक स्टेटस में बहुत ज्यादा फर्क होता है।
हां कभी-कभी ऐसा भी होता है कि आपके मां बाप पर जाति और समाज के कुछ लोगों का दबाव होता है। ऐसे में आपको उनकी मजबूरी को भी समझना चाहिए।  उनका मानना होता है कि वे अपने औलाद के लिए इतना कुछ करते हैं, इतनी कुर्बानीयां देते हैं इसलिए उनके जीवन के हर फैसले पर उनका हक होना चाहिए। और शायद उनका यह मानना सही भी है। चाहे आप इसे प्यार कहें या स्वार्थ। आपकी जिंदगी पर कुछ हक तो उनका बनता ही है। इसलिए जब आप उनसे पुछे बगैर अपनी जिंदगी का फैसला खुद करना चाहते हैं तो उन्हें अच्छा नहीं लगता।
कभी-कभी आपके मां बाप ये सोचते हैं कि आप अभी मानसिक रूप से इतने मेच्यैर नहीं कि आप अपनी जिंदगी के महत्त्वपूर्ण फैसले खुद ले सके इसलिए उन्हें इस बात की चिंता होती है कि कहीं आपकी जिंदगी गलत हाथों में ना चली जाएं। और उनकी यह चिंता बेवजह नहीं होती। एक सर्वे के अनुसार‌  परिवारिक रजामंदी के बिना होने वाले 70% प्रेम विवाह कुछ सालों के बाद टुट जाते हैं या कोई ना कोई विवाद खड़ा हो जाता है। यदि आप प्रतिदिन अखबार पढ़ते हैं तो आपको इस बात का अनुभव जरूर होगा कि मां-बाप प्रेम विवाह से इतना डरते क्यों हैं।
परंतु कारण चाहे जो भी हो आपको उनकी बात पर विचार जरूर करना चाहिए क्योंकि आपके मां बाप हर हाल में आपका भला चाहते हैं। हो सकता है कि जो चीज आप नहीं देख पा रहे हो वह उन्हें दिखाई दे रही हो। क्योंकि जिंदगी का अनुभव उनके पास आपसे कहीं ज्यादा होता है।

 family को कैसे convince करें।

फिर भी यदि आपको लगता हो कि आपके मां बाप किसी गलतफहमी के शिकार है और आप निर्णय के प्रति आश्वस्त है तो उन्हें convince करने की कोशिश करें। उन्हें किसी प्रकार इस बात का यकीन दिलाएं कि आपका निर्णय गलत नहीं है। अगर वे ना समझे तो उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए थोड़ा समय दें। इसी बीच उन्हें मनाने का प्रयत्न भी करते रहे। हो सकता है, किसी कारणवश उनका विचार बदल जाए।
परंतु यदि आपको लगे कि आपके परिवार वाले गलत है और वे केवल जात-बिरादरी, झूठी शान या दहेज इत्यादि की वजह से आपके सच्चे प्यार को रिजेक्ट कर रहे हो तो इस कंडीशन में आप कोर्ट मैरिज कर सकते हैं।
आपके इस कदम से आपके parents का नाराज होना स्वाभाविक है लेकिन आप उनकी तरफ से निराश हो कर उन्हें उनके हाल पर ना छोड़े। आप उन्हें भरसक मनाने की कोशिश करते रहें क्योंकि एक अच्छे मां-बाप ज्यादा दिनों तक अपने बच्चों से नाराज़ नहीं रह सकते। यदि उन्हें आपसे थोड़ा भी स्नेह होगा तो वे आज नहीं तो कल वे मान ही जायेंगे।

Court marriage से पहले जानने योग्य 5 बातें

कोर्ट मैरिज करने से पहले आपको इन 5 बातों का ख्याल रखना होगा।
  1.  सबसे पहली बात पहले तो आप दोनों को यह सुनिश्चित करता जरूरी है कि आप बालिंग हो चुके हैं। क्योंकि भारतीय संविधान के अनुसार लड़का और लड़की दोनों बॉलिंग हो चुके हैं तो वे अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं। लेकिन अगर आप में से कोई भी नाबालिग साबित हो गया तो आप कानूनी पचड़े में फंस जाएंगे और आपको कानून का साथ भी नहीं मिल पायेगा।
  2. दुसरी बात अपनी मर्जी से शादी करने के लिए आपको पूरी तरह अपने पैरों पर खड़े होना आवश्यक है। यानी आप आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो और इस काबिल हो कि अपने पत्नी और बच्चों का पालन पोषण आसानी से कर सके। वरना ना तो आप खुद ही खुश रह पायेंगे और ना ही अपने प्यार को खुश रख पायेंगे, क्योंकि जीवन जीने के लिए प्यार के साथ और भी चीजों की जरूरत होती है।
  3. तीसरी बात आपको प्यार और परिवार में से प्यार को तभी चुनना चाहिए जब आपका परिवार आर्थिक रूप से संपन्न होने के साथ समाजिक रूप से भी मजबूत हो। क्योंकि आजकल अक्सर देखा जाता है कि प्रेमी-प्रेमिकाओं के परिवार वालों को समाज में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए यदि आपका परिवार आर्थिक रूप से संपन्न नहीं हो या पुरी तरह आपके ऊपर ही आश्रित हो तो आपको किसी भी हाल में अपने परिवार का साथ नहीं छोड़ना चाहिए अथवा किसी के साथ भाग कर शादी नहीं करनी चाहिए। वरना उनके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टुट सकता है और इसके लिए आप खुद को जीवन भर माफ नहीं कर पायेंगे।
  4. अपने प्यार को चुनने में पहले ये सुनिश्चित कर लें कि आपका परिवार आर्थिक और सामाजिक रूप से पुरी तरह सुरक्षित रहें क्योंकि आपका प्यार आपके लिए चाहे जितना भी महत्त्वपूर्ण हो लेकिन आपके फर्ज से,आपके कर्त्तव्य से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हो सकता।‌ विशेषकर तब जब आपके परिवार को आपकी जरूरत हो।‌
  5. मेरा मानना है कि सच्चा प्यार निभाने के लिए शादी करना कोई जरूरी नहीं होता। आप बिना शादी किए ही किसी से जीवन भर प्यार कर सकते हैं। जिस तरह राधा और कृष्ण का प्यार संसार में अमर है। सच्चा प्यार तो दिल की धड़कन की तरह होता है। जो आखिर सांस तक धड़कता रहता है। हमने प्यार को जितनी गहराई से जाना है, समझा है उससे यहीं पाया है कि प्यार किसी को पाने का नाम नहीं है बल्कि प्यार तो खोने का नाम है। प्यार को दुनिया में सिर्फ 1% लोग ही समझ पाते हैं और जिसने प्यार को समझ लिया वह जीवन को समझ लेता है।
दोस्तो ये सब हमारे निजी विचार है। हो सकता है कि कुछ लोग हमसे सहमत ना हों क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की सोच उसकी अपनी परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग हो सकती हैं। ऐसे में आपको अपनी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने बुद्धि और विवेक से उचित निर्णय लेना चाहिए।
 दोस्तों कृपया इस आर्टिकल के विषय में अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में जरुर प्रकट करें और इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करें। हम से जुड़े रहने के लिए हमें Facebook, और Instagram जरूर फॉलो करें। आप हमारे YouTube channel पर जाकर हमारा motivational video भी देख सकते हैं।
धन्यवाद 🙏

16 thoughts on “‘प्यार या परिवार’ यदि दोनों में से किसी एक को चुनना पड़े तो किसे चुनना चाहिए”

  1. Sahi kaha apne har ek bat sach hai mai apne family ke sath nhi khadi ho sakti kyonki wo samaj ki jhuthi shan ki wajah se meri life spoil nhi kr sakte hai mai apne pyar ko chunugi kyonki puri life to family bhi apne sath nhi rakh sakti h

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  2. Thik bola ha aapna …agar ghar vala samaj aur jaat paat ki vje sa rista nhi kr rha ha ..toh ghar valo ko nhi balki aapne pyar ko chhuna chhayia …kyuki agar ghar vale aapde pyar krte ha toh ..vo aapki baat maan hi jayega

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  3. Mai aisi problem me fasa hu jaha meri umar bhi ho chuki 22 sal aur kuchh kiya bhi abhi tak padhai bhi aadhi adhuri hui aur ghar wale bhi nhi krne de rhe hai aur mujhe usse shadi bhi krni hai mai smjh nhi pa rha kya ab 1 hi option bacha hua hai socide kr lu bas. 😞

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    • Dear stranger. Agr apko koi smjhe to ek insan to aisa hona chahiye n jo apko smjh ske wo insan sirf ek hi ho skta h aur wo khud aap h khud ko smjhe aur career pe focus kren . Suicide is not a solution don’t search a permanent solution for a temporary problem 🥺🙏

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