क्या पैसा ही सब-कुछ होता है | what is value of money

पैसे की अहमियत |nice Motivational thought in hindi

Value of money, Motivational thought in hindi

Value of money
जीवन में पैसे का क्या महत्व है? पैसा हमारे जीवन में कितनी अहमियत रखता है? पैसा हमारे लिए क्यों और कितना जरूरी है? क्या पैसा ही सब-कुछ होता है?

इस तरह के सवाल जब भी उठते हैं तो समाजिक बूद्धिजीवियों के बीच वैचारिक मतभेद उत्पन्न  हो जाते हैं। इस सवाल के जवाब में हमारी सामाजिक विचारधारा दो समूहों में विभाजित हो जाती हैं। एक समूह कहता है कि दुनिया में पैसा ही सब-कुछ होता है और दुसरा समूह कहता है कि पैसा क्या है, पैसा तो सिर्फ हाथ का मैल है। अब इन सवालों को लेकर आपके मन में भी कई उलझने खड़ी हो रही होगी। तो दोस्तों आज हम आपके इन्हीं उलझनों को सुलझाने का प्रयास करेंगे।

जीवन में पैसे का क्या महत्व है

कहते हैं कि किसी चीज की सही कीमत वहीं इंसान बता सकता है जिसके जीवन में उसकी कमी होती है और पैसे की कीमत क्या होती है, यह वही जानता है, जिसने भुखे पेट जागकर रात गुजारा हो। पैसे की कीमत वहीं बता सकता है जिसके किसी अपने ने इलाज के अभाव में अस्पताल में दम तोड़ा हो। पैसे की कीमत वहीं बता सकता है, जिसने एक किलो प्याज के लिए पुरे बाजार का चक्कर लगाया हों। पैसे की कीमत उससे पूछो जिसने अपने ख्वाबों को मरते हुए देखा हो। लेकिन कुछ बुद्धिजीवी गण यह तर्क देते हैं कि जीवन में पैसे से अधिक महत्वपूर्ण है खुशियां। और पैसे से खुशियां नहीं खरीदी जा सकती इसलिए जीवन में पैसा ही सब कुछ नहीं होता‌। लेकिन मेरा मानना है कि एक गरीब आदमी के लिए पैसा ही लगभग सब-कुछ होता है। क्योंकि वह प्राचीन युग बीत गया जब लोग वनों में कंद-मूल खाकर अपना जीवन व्यतीत कर लेते थे। लेकिन अब यह संभव नहीं है क्योंकि अब प्राकृतिक संपदा नहीं रहे। अब वे सरकारी या निजी संपत्ति बन चुके हैं। पुराने जमाने में पैसा प्रचलित नहीं था इसलिए तब अनाज के बदले अनाज और सामान के बदले सामान का चलन था लेकिन आजकल पैसा हर जगह पैसे का चलन है। आज बिना पैसों के हमारा जीवन अत्यंत कठिन है।
 
 
हालांकि यह बात भी कुछ हद तक सही है कि पैसा सब-कुछ नहीं होता किन्तु मुझे लगता है कि यह बात केवल आर्थिक रूप से संपन्न लोगों के लिए कही गयी है। गरीबों के लिए इन बातों का कोई अर्थ नहीं होता। और होना भी नहीं चाहिए क्योंकि एक भूखे के लिए सबसे पहली जरूरत भूख होती है।
 
मैंने सुना है, कुछ लोग कहते हैं कि पैसों से खुशियां नहीं खरीदी जा सकती लेकिन‌ जीवन की वास्तविक धरातल पर उतर कर देंखे तो पता चलता है कि पैसों से दुनिया की हर खुशी खरीदी जा सकती है। आप खुद सोचिए अगर आप या आपके परिवार कोई सदस्य बिमार है और आपके पास इलाज कराने के लिए पैसे नहीं हैं तो आपके लिए खुशी के क्या मायने हैं। अगर आपके पास अपने परिवार के लिए रोटी, कपड़ा, मकान, या अन्य जरूरतों को पुरा करने के लिए पैसे नहीं हैं तो क्या आप खुश रह सकते हैं “नहीं”। बिना पैसों के ना तो हम खुश रह सकते हैं और ना ही अपने परिवार के लिए ही खुशियां खरीद सकते हैं। हमारे जीवन की लगभग हर खुशी पैसे से जुड़ी हुई है इसलिए इंसान की सबसे बड़ी जरूरत पैसा ही है। पैसा हमारे लाईफ में उतना ही जरूरी है जितना एक कार के लिए पेट्रोल जरूरी है।
अब आपमें से कुछ ये सोच रहे होंगे कि मैं केवल हवा हवाई बातें कर रहा हूं। तो घबराइए मत मत। आज मैं आपके लिए फुल रिपोर्ट लेकर आया हूं।
 
 

पैसे हमारे लिए क्यों जरूरी है

 
विश्व की गरीबी और भुख संबंधित आंकड़ों पर नजर रखने वाली अन्तर्राष्ट्रीय संस्था के रिपोर्ट के अनुसार भारत में अभी 13.5 करोड़ लोग गरीबी और भुखमरी के शिकार हैं। और अगर पुरी दुनिया की बात करें तो दुनिया की 50 प्रतिशत आबादी पैसे के अभाव में कुपोषण की शिकार हैं। और यहीं हाल हमारे देश का भी है। दुनिया में प्रतिदिन औसतन 36 हजार लोगों की मौत भुखमरी और गरीबी की वजह से होती है। जिसके सबसे ज्यादा बच्चे होते हैं। इसके अलावा हर साल लाखों लोग गरीबी से तंग आकर आत्महत्या कर लेते हैं। इतना ही नहीं गरीबी की वजह से लाखों लोग depression और anxiety की समस्या के शिकार हैं। गरीबी की वजह से लाखों छोटे-छोटे बच्चे ट्रैफिक सिग्नलों पर भीख मांग रहें हैं। और हमारे देश के धर्मगुरुओं का कहना है कि पैसा सभी पापों की जड़ है  लेकिन मैं कहता हूं कि पैसे की कमी ही सभी पापों की जड़ है। हमारे समाज में अशिक्षा, बेरोजगारी, चोरी, बेईमानी और हिंसा जैसे जितने अपराध होते हैं उन सभी अपराधों का सबसे बड़ा कारण गरीबी ही है। आप आप खुद समझ सकते हैं कि पैसा हमारे लिए कितना जरूरी है। और अगर आप अभी भी समझ नहीं समझे तो अब मैं आपको कुछ उदाहरण देकर समझाता हूं कि पैसा हमारे लिए कितना जरूरी है।
 

पैसा हमारे लिए कितना जरूरी है

 
अगर आपके पास पर्याप्त मात्रा में पैसा नहीं है तो अपने परिवार की बात ही छोड़िए आप अपने शरीर को भी स्वस्थ नहीं रह सकते क्योंकि स्वस्थ रहने के लिए आपके शरीर को पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। और पौष्टिक आहार के लिए पैसों की। अगर आपके शरीर को सभी पौष्टिक आहार नहीं मिलते तो विटामिन्स की कमी से आप को कई बीमारीयां हो सकती है और उन बीमारीयों का इलाज कराने के लिए भी आपको पैसे की जरूरत होगी। अगर आपके पास पर्याप्त मात्रा में पैसा नहीं है तो आप अपने परिवार और बीवी-बच्चों की आवश्यकताओं की पूर्ति भी नहीं कर पायेंगे। हमारे परिवारों में होने वाले घरेलू झगड़े और कलह का मुल कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पैसे की कमी ही होती हैं। अगर आपके पर्याप्त पास पैसा नहीं है तो आप अपने मां-बाप, भाई-बहन और बीबी-बच्चो को स्वस्थ भी नहीं रख पाएंगे। अगर आपके पास पर्याप्त मात्रा में पैसे नहीं हैं तो आप चाह कर भी किसी जरूरतमंद की मदद नहीं कर पाएंगे। अगर आपके पास पैसे नहीं हैं तो आपको परिवार और समाज में उतना प्यार और सम्मान कभी नहीं मिलेगा जिसके आप काबिल है। बिना पैसे के आपकी हर ख्वाहिश अधूरी रह जाएगी और जीवन में हर जगह आपको समझौता करना पड़ेगा। दोस्तों मैंने अपने बचपन से ही काफी संघर्ष किया है इसलिए मैं जो भी कह रहा हूं अपने अनुभव से कह रहा हूं।
 
 
मुझे आज भी याद है 20 साल पहले की वह घटना जब मैं जब मैंने अपने मालिक के काउंटर से 300 रूपए चुराने की कोशिश की थी और पकड़ा गया था। जानते हैं क्यों। क्योंकि कड़ाके की ठंड में मेरे पापा बिना जूतों के काम पर जाते थे और मैं उन पैसों से उनके लिए जूते खरीदना चाहता था। मुझे आज भी याद है जब मेरी मां सबको भोजन करा कर खुद भुखे पेट सो जाती थी। मुझे आज भी याद है जब मेरा 5 साल का भाई मेरी आंखों के सामने निमोनिया का शिकार हो गया। क्योंकि हमारे पास इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए मैं चाहता हूं कि जो मेरे साथ हुआ वह आपके साथ ना हो।
 
 इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा कुपोषण का शिकार होकर अकाल मौत ना मरें।अगर आप चाहते हैं कि आपका ख्याल रखने वाली पत्नी आर्थिक समस्याओं से तंग आकर आपसे रोज रोज लड़ाई ना करें तो जितना ज्यादा हो सके उतना पैसा कमाओ। अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे का भविष्य बेहतर हो तो हद पार मेहनत करो, दिमाग लगाओ और ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाओ। ‌इतना पैसा कमाओ की आपको जीवन कभी पैसे की कमी महसूस ना हो। क्योंकि गरीब होना इस दुनिया का सबसे बड़ा गुनाह है। और गरीब अपनी गरीबी के लिए भले ही किस्मत को जिम्मेदार ठहराएं लेकिन सच्चाई तो यह है कि गरीब अपनी गरीबी के लिए खुद जिम्मेदार होता है। 
 
 
आपने बिल गेट्स की वो लाइन सुनी होगी कि “अगर आप गरीब पैदा हुए हैं तो इसमें आपकी कोई गलती नहीं लेकिन अगर आप गरीब ही मर जाते हैं तो इसमें आपकी गलती है”। इसलिए मैं एक बार फिर से कहता हूं कि आलस और कामचोरी छोड़ो और गरीबी के दलदल से बाहर निकलने की कोशिश करो। मुझे पता है कि ये इतना आसान नहीं होगा इसके लिए आपको बहुत बहुत संघर्ष करना पड़ेगा। कभी दुनिया से तो कभी खुद से लड़ना होगा। तो क्या हुआ लडिए ना जीवन भर लड़ने से अच्छा है कि एक ही बार लड़ लिया जाएं। अगर आप आज नहीं लड़ेंगे तो आपको जीवन भर गरीबी, लाचारी और महंगाई से लड़ना पड़ेगा।
 
 
 अब मेरी इन बातों से आप ये मत समझ लेना कि मैं आपको पैसे के पीछे भागते के लिए कह रहा हूं। पैसे के अतिरिक्त जीवन में और भी कई चीजें हैं, जैसे- परिवार, समाज,स्वास्थ, रिश्ते, धर्म, नैतिकता, मानवता, आंतरिक खुशी इत्यादि। और ये सब एक खूबसूरत जीवन के लिए उतने ही आवश्यक है जितना कि पैसा। इसलिए आपको इन सब के बीच संतुलन बनाए रखना होगा। अन्यथा आप पैसा आपके पतन का कारण बन सकता है। संसार में ऐसे करोड़ों लोग हैं जो धन-धान्य से परिपूर्ण होने के बावजूद भी दुख भोग रहे हैं इसलिए आपको यह सदैव याद रखना होगा कि मनुष्य के जीवन का उद्देश्य केवल पैसा कमाना नहीं बल्कि मोक्ष को प्राप्त करना है। लेकिन अगर अभी आप आर्थिक रूप से सुदृढ़ नहीं है तो आपके लिए अभी मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि आप कम से कम इतना पैसा जरूर कमाएं कि आपके सभी खर्चे पुरा होने के बाद कुछ पैसे भविष्य के लिए सुरक्षित कर सकें। मैं चाहता हूं कि आप इतने पैसे ज़रूर कमाएं कि बिमारी, बाढ़ भुकंप और महामारी जैसे अचानक आने वाली मुसीबतों से आप अपने और अपने परिवार की हिफाजत कर सकें। और अंत में मैं आपसे बस यही कहना चाहूंगा कि मेरी किसी भी बात को मानने की जरूरत नहीं है। पहले आप खुब सोचो,समझो और अगर मेरी बातें आपको सही लगती है तब इस पर अमल करो। 
 
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