3 powerful principles : जो असंभव को भी संभव बना सकते है

Asambhav ko sambhav kaise banaen

आज हम आपको प्राकृति के 3 ऐसे नियम बताने वाले हैं। जिसका उपयोग करके असंम्भव को भी सम्भव बनाया जा सकता है। आज तक इस दुनिया में जितने भी लोगों ने असंभव को संभव बनाया है। इन्ही तीन नियमों को अपनाकर बनाया है। आप भी इन नियमों का उपयोग करके किसी भी असम्भव से दिखने … Read more

Motivational speech in hindi | कामयाबी के शिखर पर पहुंचना चाहते हो तो इसे पढ़ो

motivational speech in hindi for success|motivational speech in hindi for students motivational speech दोस्तों आपने सुल्तान फिल्म का एक डायलॉग सुना होगा कि कभी-कभी इज्जत पाने के लिए बेइज्जती भी करवानी पड़े है ” इसका सीधा-सरल अर्थ यह है कि जीवन में कभी-कभी सफलता पाने के लिए अपमानजनक बातें भी सुनना जरूरी हो जाता है। … Read more

Motivational speech in Hindi | मैं गलतियां करना क्यों सिखाता हूं

Mistakes मैं गलतियां करना सिखाता हूं |motivational speech in Hindi गलतियां मत करों यह वाक्य हमलोग बचपन से सुनते आ रहे हैं। मां-बाप बात-बात पर अपने बच्चों से कहते हैं “ये गलत है इसे मत करो” टीचर्स अपने स्टूडेंट्स से कहते हैं, “कोई भी गलती नहीं होनी चाहिए” सीनियर्स अपने जूनियर्स से कहते हैं “देखना … Read more

6 bestest Motivational stories in Hindi | आज से आप बहाने बनाना छोड़ दोगे

Motivational story in hindi for success

Motivational stories in hindi for success

No excuse
 
 
दुनिया के सभी असफल लोगों में और कुछ कॉमन हो या ना हो। एक चीज सब में कॉमन होती है, और वह है बहाने बनाना। आगर उनसे उनकी असफलता का कारण पूछा जाए तो वे कोई ना कोई बहाना अवश्य बनाएंगे। वे कभी नहीं कहेंगे कि हां मैं अपनी असफलता के लिए खुद जिम्मेदार हूं। क्योंकि जो व्यक्ति अपनी असफलता की जिम्मेदारी खुद उठा सकता है, वह कभी हार ही नहीं सकता। वैसे मेरे हिसाब से दुनिया में असफलता नाम की कोई चीज होती ही नहीं है। इंसान या तो सफल होता है या वह सीखता है। दरअसल लोग इस सीखने की प्रक्रिया को ही असफलता मान लेते हैं।

 उदाहरण के तौर पर थॉमस अल्वा एडिसन बल्ब को बनाने में 1000 बार  असफल हुए थे। परंतु वे इसे असफलता नहीं बल्कि सीखना मानते थे। वे कहते थे- मैं असफल नहीं हुआ हूं, मैंने 1000 ऐसे तरीके खोज लिए हैं जिन से बल्ब नहीं बनाया जा सकता। अपने इसी सिद्धांत की वजह से वे बल्ब बनाने में सफल हुए। अगर वे भी इस सीखने की प्रक्रिया को असफलता मानकर हार मान जाते तो शायद आज भी आप लालटेन जला कर पढ़ाई कर रहे होते। आजकल अधिकतर लोग सफलता के लिए निरंतर प्रयास ही नही करते और केवल कुछ प्रयासों के बाद हार मान लेते हैं। इसलिए आप भी अपनी कमज़ोरियों को बहानों के ओट में छुपाना छोड़ दो

 

बहाने बनाना छोड़ दें

क्योंकि कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप गरीब परिवार में पैदा हुए हो। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास पैसे नहीं है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने पढ़े लिखे हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप नाटे हैं, मोटे हैं, काले हैं, दुबले हैं, पतले हैं, या विकलांग है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। क्योंकि जिसे पढ़ना है वह लाइट जाने के बाद भी टॉर्च जलाकर पढ़ लेगा। वह बहाना नहीं बनाएगा की लाइट चली गई अब मैं कैसे पढ़ाई करूं। जिसे अपने मंजिल पर पहुंचना है वह ऑटो पकड़ कर भी अपने मंजिल पर पहुंच जाएगा।वह ये बहाना नहीं बनाएगा की ट्रेन छुट गई या बस छुट गई। इस दुनिया का इतिहास ऐसे हजारों लोगों की कहानियों से भरा हुआ है जिन्होंने बद से बदतर हालातों में भी बहाना नहीं बनाया और अपने जीवन में सफलता क्यों ऊंचाइयों को छुआ। तो आइए आज हम आपको हम ऐसे ही कुछ महान लोगों से मिलवाते हैं। जो चाहते तो अपनी कमजोरियां का बहाना बना सकते थे परंतु उन्होंने बहाना नहीं बनाया इसलिए वे अपने जीवन में सफलता के शिखर तक पहुंचे।

इनसे मिलिए

 

APJ Abdul kalam life story in hindi

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APJ Abdul kalam


ये है- भारत के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम । इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक अत्यंत गरीब परिवार में हुआ था। इनका बचपन इतनी गरीबी में बीता था कि वे अपनी पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए ट्रेनों में अखबार बेचते थे। मगर इन्होंने कभी बहाना नहीं बनाया कि मैं गरीब परिवार में पैदा हुआ हूं।

इनसे मिलिए

 

Dhirubhai ambani life story in hindi

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Dhirubhai ambani


ये हैं- ‘धीरूभाई अंबानी‘ रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक। केवल हाईस्कूल तक पढ़ाई करने वाले धीरूभाई अंबानी गरीबी की वजह से हाई स्कूल से आगे नहीं पढ़ पाए। पैसे की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़कर बेरोजगार के लिए मुंबई आ गए। जब वे मुंबई आए तो उनके पास केवल ₹500 थे। उसी ₹500 से उन्होंने सामान खरीद कर पकौड़े बेचना शुरू किया। बाद में उन्होंने पेट्रोल पंप पेट्रोल पंप पर भी काम किया। फिर कुछ पैसे जुटाकर उन्होंने बिजनेस करना शुरू किया। और आखिर में जब उनकी मौत हुई तो उनकी कंपनी का टर्नओवर था 75000 करोड रुपए। इसलिए आप पैसे की कमी का बहाना भी नहीं बना सकते।

अब जरा इनसे मिलिए

 

Sachin tendulkar life story in hindi

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Sachin tendulkar

Sachin tendulkar


इनको कौन नहीं जानता ये है क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर। कैरियर के शुरुआती दिनों में लोग इनका मजाक उड़ाया करते थे क्योंकि इनके छोटे कद की वजह से गेंद इनके सर के ऊपर से निकल जाती थी। यह चाहते तो छोटे कद का बहाना बनाकर क्रिकेट खेलना छोड़ सकते थे। लेकिन इन्होंने कभी बहाना नहीं बनाया बल्कि अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाया। आज सारी दुनिया इन्हें क्रिकेट का भगवान् कहती हैं।

इनसे मिलिए

 

Arunima Sinha life story in hindi

 

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Arunima Sinha

Arunima Sinha


ये है अरुणिमा सिन्हा। इनका जन्म 1988 में भारत के अंबेडकर नगर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था बास्केटबॉल की नेशनल खिलाड़ी रही अरुणिमा सिन्हा को 2011 में बदमाशों ने चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया। ट्रेन की पटरियों के बीच गिरी ये लड़की रात भर दर्द से चीखते हुए अपनी मौत का इंतजार करती रही। सुबह लोगों ने इन्हें बेहोशी की हालत में हॉस्पिटल पहुंचाया टूटे पैरों में इन्फेक्शन होने की वजह से डॉक्टरों को उनका एक पैर काटना पड़ा और दुसरे पैर में राॅड लगानी पड़ी। ऐसी बुरी परिस्थितियों में इन्होंने ठान लिया कि दुनिया के सबसे ऊंची चोटी माउंट को फतह करना है। विकलांग होने के बावजूद इन्होंने मौत से लड़ते हुए एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहरा दिया। आपको क्या लगता है एक लंगडी लड़की के लिए दुनिया की सबसे ऊंची पहाड़ की चोटी पर फतह करना आसान काम रहा होगा। क्या वे चाहती तो विकलांग होने का बहाना बनाकर घर में नहीं बैठ सकती थी।

इनसे मिलिए

 

Nirbhay vujicic life story in hindi

Nick vijucic biography in Hindi
Nick vujicic


ये है- निक वुजिक। इनका जन्म 4 दिसंबर 1982 को मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया)में हुआ था। बिना हाथ पैरों के जन्मे इस व्यक्ति का जीवन शुरू से ही काफी चुनौतीपूर्ण रहा।अपने कठिन जीवन से तंग आकर इन्होंने एक बार सुसाइड की भी कोशिश की थी परंतु वे बच गए। एक बार उनकी मां ने अखबार में प्रकाशित एक विकलांग व्यक्ति के संघर्ष और सफलता की कहानी इनको पढ़ के सुनाई। तभी से इनका जीवन बदल गया। आज ये एक मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक है। पूरी दुनिया में इनके लाखों-करोड़ों प्रशंसक है,आज ये जहां जाते हैं वहां तालियों की गड़गड़ाहट से इनका स्वागत होता है। इनका जीवन उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो अपनी कमजोरियों का बहाना बनाकर हार मान लेते हैं।

जरा इनसे मिलिए

 

Stephen hawking life story in hindi

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Stephen hawking


ये है- स्टीफन हॉकिंग। क्या आपको यकीन है कि जो व्यक्ति अपनी जगह से हिल-डुल नहीं सकता, कुछ बोल नहीं सकता वह व्यक्ति दुनिया का सबसे महान वैज्ञानिक हो सकता है। स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942
ऑक्सफोर्ड, (इंग्लैण्ड) में एक साधारण परिवार में हुआ था। बचपन में ये रोड न्यूरोंस नामक बीमारी के शिकार हो गए। जिसकी वजह से इनके शरीर की कोशिकाओं ने काम करना बंद कर दिया। इनके दिमाग के अलावा इनके शरीर का कोई भी हिस्सा काम नहीं करता था। फिर भी इन्होंने पढ़ाई पूरी की और विज्ञान जगत में ऐसे ऐसे अविष्कार किए कि सारी दुनिया चकित रह गई। ब्लैक होल्स, बिग बैंग थ्योरी और गुरुत्वाकर्षण जैसे ब्रह्मांड के रहस्यों पर अनोखे रिसर्च की वजह से ये विज्ञान जगत के सेलिब्रिटी बन गए। ये कहते थे कि अगर मुझे यह बीमारी नहीं होती तो मैं शायद इतना सफल नहीं हो पाता।

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इनके अतिरिक्त और भी लाखों महान लोग हैं जिन्होंने अपनी कमजोरियों का बहाना नहीं बनाया और इस दुनिया में इतिहास रच कर चले गए।
 दोस्तों बहाने बनाना बहुत आसान है। लेकिन अगर आप अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, सफलता की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं। तो आपको बहाने बनाना बंद करके जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।

 

इन कहानियों से आपको क्या सीख मिली। कृपया हमें कमेंट करके जरूर बताएं। हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमें फेसबुक , इंस्टाग्राम , और यूट्यूब पर फॉलो करे

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