जाने नवरात्रि उपवास का महत्व और नियम -navratri fasting rules in hindi

 

 
दुर्गा पूजा  का त्यौहार वैसे तो समस्त  भारत में मनाया जाता है परंतु पश्चिम बंगाल , बिहार , झारखंड उत्तर प्रदेश और असम सहित पुरे उत्तर भारत में यह त्यौहार बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है यह त्यौहार पुरे नौ दिनों तक चलता है जिसे नवरात्र कहा जाता है । नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पुजा की जाती है ।

 

Navratra upwas ka mahatva aur niyam -navratri fasting rules in hindi
Durga pooja 2019

• मां दुर्गा के नौ रूपों के नाम – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री,

•  नवरात्र 2022 कब है

इस वर्ष 2022 शारदीय नवरात्र 26 सितंबर दिन सोमवार को प्रारंभ होगा और 5 अक्टूबर  को मां दुर्गा के मुर्ति विसर्जन के साथ इस महापर्व का समापन होगा ।

• नवरात्र उपवास का महत्व

नवरात्रि में उपवास रखने की परंपरा  प्राचीन काल से ही चली आ रही है ।नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए बहुत से लोग नौ दिनों तक उपवास रखते है । वैसे तो उपवास करना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है ,क्योंकि उपवास करने से हमारे  पाचनतंत्र को  आराम  मिलता है ,जिससे  हमारा शरीर स्वस्थ होता है ,और हमारा पाचनतंत्र मजबूत होता है । उपवास करने से कब्ज अपच गैस जैसी पेट की अन्य बिमारियों में आराम मिलता है,  परंतु नवरात्र में उपवास का महत्व और बढ़ जाता है । ऐसा माना जाता है कि नवरात्र में उपवास रखने से मां दुर्गा की असीम अनुकंपा प्राप्त होती है । हमारा अन्तर्मन बुरे विचारों से मुक्त होता है और  भक्ति भाव का संयोग होने से हमारे विचारों में पवित्रता आ जाती है ।

 

Navratra upwas ka mahatva aur niyam-navratri fasting rules in hindi
Navratri fasting rules in hindi

• उपवास करने के नियम

नवरात्रि में कर्ई लोग उत्साह में उपवास तो रख लेते है परंतु उपवास के नियमों की सही जानकारी नही होने के कारण उन्हें फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ता है, इसलिए उपवास रखने से पहले उसके नियमों को जान लेना आवश्यक है ।
• जो लोग नवरात्र में उपवास रखना चाहते है उन्हें नवरात्र शुरू होने के दो -तीन दिन पहले से ही मांस मछली और अधिक मसालेदार भोजन का त्याग कर देना चाहिए ।
• उपवास के दौरान नीबू पानी, नारियल पानी, छाछ, और दुध आदि तरल पदार्थो का भरपुर मात्रा में सेवन करना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो ।
• उपवास में अलग- अलग कलर्स के मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए, इससे हमारे शरीर को सभी प्रकार के विटामिन प्राप्त हो जाते है
•  फलों को हमेशा अच्छी तरह धोकर ही खाना चाहिए क्योंकि बरसात के मौसम में फलों और सब्जियों पर काफी मात्रा में कीटाणु चिपके रहते है ।
• नवरात्र उपवास के दौरान मांस मछली,शराब ,लहसुन, प्याज और और किसी प्रकार के नशे का सेवन नही करना चाहिए ।
• ऐसा माना जाता है कि नवरात्र में नाखून काटना, बाल कटिंग और शेविंग करना अशुभ होता है और इसका हमारे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।
•  उपवास का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है विचारों की शुद्धि, इसलिए हमे अपने मन को बुरे विचारों से मुक्त करने का प्रयास करना चाहिए । हमे झुठ नही बोलना चाहिए, किसी को अपशब्द नही कहना चाहिए, किसी के प्रति बुरे विचार नही सोचना चाहिए,तभी हमें उपवास का फल मिलता है ।
• किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित रोगियों को और गर्भवती महिलाओं को बिना अपने डॉक्टर से सलाह लिए उपवास नही करना चाहिए, वरना बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है ।

पारण कब और कैसे करें

उपवास  के बाद पारण करने में जल्दबाजी ना करें । ये मत सोचे   की बहुत जोर से भूख लगी है । अपने मन पर संयम रखें और यथाविधि पूजन करने के बाद ही पारण करें । पारण में तली हुई या ज्यादा तेल मसालेदार वाली चीजों का सेवन नही करना चाहिए । पारण में हमेशा हल्का और पौष्टिक आहार का सेवन करें ।
 
 

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