motivational speech in hindi
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Never give up |
चुनौतियों का सामना करें
दोस्तों हमारा जीवन चुनौतियों का सागर है। जब तक जीवन है, छोटी बड़ी चुनौतियां आती ही रहेंगी। इसलिए हमें अपने जीवन के हर चुनौती को मुस्कुरा कर स्वीकार करना चाहिए। क्योंकि हम सब अच्छी तरह से जानते हैं कि जीवन के इस सागर को किसी भी हाल में पार करना ही है। परंतु अगर हम सागर में उठती लहरों को देखकर डर गए तो फिर हम इस सागर को पार कैसे करेंगे।
जिंदगी एक खुबसूरत एक सफर है।
दोस्तों अगर आपने कभी नाव में बैठकर यात्रा किया होगा तो आपने तीन तरह के लोगों को देखा होगा। एक तरह के लोग वे होते हैं, जो नदी या सागर में उठती लहरों को देखकर नाव में बैठते ही नहीं है। दूसरी तरह के लोग वे होते हैं, जो डरते-डरते नाव में तो बैठ जाते हैं, परंतु वे जैसे तैसे थरथराते हुए सफर को पूरा करते हैं, और तीसरे प्रकार के लोग वे होते हैं, जो उस सफर को इंजॉय करते हैं, जो उस सफर का मजा लेते हैं। अब मैं आपसे पूछता हूं कि आप किस तरह के लोगों में आते हैं।
दोस्तों यह आर्टिकल मैंने खास विशेषकर उन लोग लिए लिखा है, जो पहली और दूसरी कैटगरी में आते हैं क्योंकि कुछ दिनों पहले सुना था कि दिल्ली में एक युवक ने छत से नीचे कूद कर सुसाइड कर ली। क्योंकि उसे शक था कि उसे कोरोनावायरस हो गया है, जबकि उसकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। फिर भी उसने केवल डर कर इतना बड़ा कदम उठा लिया। यानी उसने अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने के बजाए डर कर भागना ही उचित समझा। अभी हमारे बीच कई ऐसे लोग होंगे, जो ये सोच कर चिंतित हो रहे होंगे कि अगर उन्हें कोरोनावायरस हो गया तो वे क्या करेंगे।
बुरे वक्त में भी हौसला रखें
तो ऐसे लोगों से हम तीन बातें कहना चाहते हैं। पहली बात, जो लोग ऐसा सोचते हैं कि सुसाइड कर लेने से उन्हें जीवन के दुखों से मुक्ति मिल जाएगी। ये उनकी बहुत बड़ी गलतफहमी है। क्योंकि आत्महत्या करना एक बहुत भयंकर पाप है और आत्महत्या करने वाले मनुष्य को फिर उसी सागर के किनारे लौट कर आना पड़ेगा। क्योंकि मैंने पहले भी बताया है कि मनुष्य को जीवन रूपी सागर को हर हाल में पार करना ही होगा। चाहे उसके लिए उन्हें हजारों जन्म क्यों न लेने पड़े। इसलिए चुनौतियों से डर कर भागने से अच्छा है कि उन चुनौतियों का सामना किया जाए। दुुुुसरी बात दुनिया में आज तक करीब 20 लाख लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हुए हैं। जिनमें से सिर्फ 1.5 लाख लोगों की मौत हुई है और 5 लाख लोग पुरी तरह से ठीक होकर अपने- अपने घर जा चुके हैं इसलिए इसमें चिंता की कोई बात नहीं है और तीसरी बात,हम सभी जानते है कि मृत्यु इस सृष्टि का एकमात्र सत्य है। हम सभी को एक ना एक दिन मरना ही है, फिर मृत्यु से डर कैसा।
अब शायद आप यही सोचेंगे कि कहने और करने में बहुत फर्क होता है। जिस इंसान के ऊपर मुसीबत आती है,उसका दर्द सिर्फ वही जानता है तो ठीक है मैं इस बात को मानता हूं, लेकिन जब हमारे पास दो ऑप्शन हो, ‘लड़ो या मरो’ तो फिर हम लड़कर क्यों न मरें। हम लड़ने से पहले ही चुनौतियों के सामने घुटने क्यों टेकें। ये सच हैं कि कुछ लोग शारीरिक और मानसिक रूप से इतने सक्षम नहीं होते इसलिए वे अत्याधिक विषम परिस्थितियों में टुट जाते है।
खुद को बेहतर बनाएं
परंतु ऐसी बात भी नहीं है कि जो लोग कमजोर हैं वे खुद को मजबूत नहीं बना सकते क्योंकि कोई भी बच्चा अपने मां के पेट से हौसला और ताकत लेकर पैदा नहीं होता। बल्कि वह इस दुनिया में ही वह खुद में ताकत और हिम्मत पैदा करता है। वह बच्चा धीरे-धीरे खुद में बदलाव करके खुद को मजबूत और बेहतर बनाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि दुनिया का कोई भी इंसान अगर चाहे तो खुद में अपनी इच्छा अनुसार बदलाव करने में सक्षम है। अगर आपको लगता है कि आप कमजोर हैं तो जंक फ़ूड, तम्बाकू,पान मसाला, और शराब जैसी हानिकारक वस्तुओं का सेवन करने के बजाए,सेब अनार,केला संतरे जैसे ताजे फलों और हरी सब्ज़ियां,दुध,घी,पनीर जैसे पौष्टिक और शक्तिवर्धक खाद्य पदार्थों का सेवन कीजिए। रोजाना कसरत कीजिए, योगा कीजिए, दौड़ लगाइए। कुछ भी किजिए लेकिन खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाइए। अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा किजिए क्योंकि जीवन की कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए आपका स्वस्थ और फिट रहना अति आवश्यक है।
दोस्तों यह बातें हम इसलिए नहीं कह रहे हैं कि हम बहुत बड़े ज्ञानी और बहुत बड़े बहादुर हैं बल्कि हम इसलिए कह रहे हैं कि हमने भी अपने जिंदगी में काफी मुश्किल वक्त देखे हैं। हमारे मन में भी कई बार आत्महत्या का ख्याल आया था। लेकिन हमने मरना नहीं लड़ना चुना इसलिए आज हम आपसे बात कर रहे हैं। हमने आपसे किताबी बातें नहीं बता रहे हैं बल्कि यह हमारे जीवन के संघर्षों का निचोड़ है। यह हमारे अभी तक के संपूर्ण जीवन का अनुभव है।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको यहीं संदेश देना चाहते है कि आपके जीवन में चाहे कितनी ही मुश्किल घड़ी क्यों ना आ जाए। चाहे कितना भी बुरा वक्त क्यों ना आ जाए। कभी निराश मत होना, कभी हिम्मत मत हारना और अगर हारना भी तो बहादुरों की तरह लड़कर हारना, कायरों की तरह आत्महत्या मत करना।
कभी उम्मीद का दामन ना छोड़ें
और हां एक बात हमेशा याद रखना। अगर आपके जीवन में कभी ऐसा वक्त आ जाए कि आपको कोई रास्ता दिखाई ना दे,हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा नज़र आए तो जल्दीबाजी में कोई फैसला मत करना। थोड़ा ठहर जाना, थोड़ा इंतजार करना क्योंकि दुखों का कोहरा चाहे कितना भी घना हो। सूरज की किरणों को निकालने से नहीं रोक सकती। आप बस हौसला रखना, ईश्वर पर विश्वास रखना। आप देखेंगे कि उम्मीद की एक किरण अंधेरे को चीरते हुए धीरे-धीरे आपकी तरफ बढ़ रहीं हैं। और हां ये कोई फिल्मी डायलॉग नहीं है,ये मेरा आजमाया हुआ नुस्खा है और ये 100% काम भी करता है।
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