ऐसे काम करता है आकर्षण का सिद्धांत | law of attraction in hindi

लॉ ऑफ अट्रैक्शन इन हिंदी|आकर्षण का नियम कैसे काम करता है?

low of attraction in hindi, aakarshan ka siddhant
        law of attraction

दोस्तों पिछले article में हमने बताया था कि आपकी सोच ‌में कितनी अद्भुत शक्ति है। और आपकी सोच आपके जीवन को कैसे प्रभावित करती है। अब आप में से कई लोग यह सोच रहें होंगे कि ऐसा भला कैसे संभव है। केवल सोचनें भर से हमारे जीवन में इतना बदलाव कैसे हो सकता है। तो सुनिए यह सब आकर्षण के सिद्धांत (law of attraction) की वजह से होता है। चलिए इस बात को scientific रूप से समझते हैं कि आकर्षण का सिद्धांत कैसे काम करता है।

आकर्षण का सिद्धांत

इस संपूर्ण ब्रह्मांड में आकर्षण का सिद्धांत (law of attraction) की शक्ति काम कर रही है। जो ब्रह्मांड में होने होने वाली सभी चीजों को संतुलित करती है। अब सबसे पहले आपके यह जान लेना चाहिए कि ये आकर्षण का नियम आखिर है क्या?। देखिए जैसा कि हम सभी मानते हैं कि इस सृष्टि को रचने वाला कोई एक सृष्टा है। जिसने इस अनंत ब्रह्मांड की रचना की है। जिसे हम ईश्वर अल्लाह, गॉड भगवान इत्यादि नामों से पुकारते हैं। इस अनंत ब्रह्मांड में हमारी खरबों तारे, ग्रह और उपग्रह है। इनमें हमारी पृथ्वी भी शामिल हैं। जिस पर हम इंसानों एक छोटी सी दुनिया बसी हुई है। परंतु इस अनंत ब्रह्मांड में हमारे जैसी कितनी दुनिया बसी है, यह विज्ञान भी अभी तक पता नहीं लगा सकी है। तो अब इतने विशाल ब्रह्मांड को संचालित करना तो कोई सरल काम है नहीं। इसलिए भगवान ने इस ब्रह्मांड को स्वचालित रूप से संचालित करने के लिए कुछ नियम बनाए हैं।
 


हमारे वैज्ञानिकों ने काफी रिसर्च करने के बाद इन नियमों की खोज की और माना कि हां यह नियम सच में काम करते हैं। जैसे गुरुत्वाकर्षण का नियम,(law of gravity) आकर्षण का नियम,(law of attraction) परिवर्तन का नियम, (law of reversibility) विश्वास का नियम,( low of believe) एकाग्रता के नियम (low of concentration) गति के नियम (low of motion) मुख्य रूप से शामिल है। लॉ ऑफ अट्रैक्शन के अनुसार हमारा मस्तिष्क एक ऐसी चुंबकीय उर्जा का केंद्र है जो अदृश्य तरंगों के द्वारा ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ी हुई है। यह उर्जा हमारे विचारों और भावनाओं से अदृश्य तरंगों के रूप में निकालती और ब्रह्मांड में फैली हुई सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा को अपनी तरफ आकर्षित करती है।

इन अदृश्य तरंगों को सबसे पहले ध्यान पर बैठे ऋषि मुनियों ने महसूस किया था। परंतु विज्ञान को शायद उनकी बातों पर यकीन नहीं हुआ इसलिए वैज्ञानिकों ने भी इन अदृश्य तरंगों पर काफी रिसर्च किया‌। तब जाकर इस ऊर्जा के बारे में दुनिया को पता चला। जी हां यह कोई myth नहीं है या एक fact है। आपने न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण का नियम के बारे में जरूर सुना होगा। जो धरती पर मौजूद सभी चीजों को अपने केंद्र की ओर आकर्षित करती है। लॉ ऑफ अट्रैक्शन भी बिल्कुल ऐसे ही काम करता है। आप खुद सोचिए कि आप एक छोटी सी मशीन के जरिए अपने घर में बैठे-बैठे हजारों किलोमीटर दूर होने वाली आवाज को कैसे सुन लेते हैं। कैसे किसी दूसरे व्यक्ति के मन की भावनाएं आपके मन तक पहुंच जाती है। कैसे आपके द्वारा मांगी हुई दुआएं कुबूल हो जाती है। यह सब लाॅ आफ अट्रैक्शन की शक्ति का ही कमाल है। आइये अब समझते हैं कि लॉ ऑफ अट्रैक्शन की शक्ति आपकी जिंदगी में कैसे काम करती हैं। कैसे आपको अमीर या गरीब, सफल या असफल बनाती है।


आकर्षण का सिद्धांत कैसे काम करता हैै


देखिए जब आप बार-बार अपनी गरीबी या असफलता के बारे में सोचते हैं तो आपके सोच से निकली हुई नकारात्मक ऊर्जा ब्रह्मांड में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को अपनी तरफ आकर्षित करने लगती है। और जब ये नकारात्मक ऊर्जा आपके मन में प्रवेश करती है तो आपके मन में नकारात्मक विचार उठने लगते हैं। आपकी इच्छा-शक्ति क्षीण हो जाती है और आपका आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है। इच्छा-शक्ति क्षीण होने के कारण आपके दिमाग में सकारात्मक विचार उत्पन्न नहीं होते। इस नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से अमीर बनने के अवसर आपसे दूर भागने लगते हैं और यदि कभी-कभार आपको अमीर बनने का अवसर भी मिलता है तो कमजोर आत्मविश्वास के कारण आप यह सोचने में ही उस अवसर को गंवा देते हैं कि पता नहीं हम सफल होंगे या नहीं।
 
वहीं जब आप बार-बार अमीरी या सफल होने की बात सोचते हैं तो आपके विचारों से निकली हुई सकारात्मक ऊर्जा ब्रह्मांड में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करने लगती है। इस सकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से आपका दिमाग नये-नये सकारात्मक विचारों को जन्म देने लगता है और आपकी इच्छा शक्ति आपके और अवचेतन मन को ये संदेश भेजने लगती है कि मुझे यह चाहिए। इसके बाद आपका अवचेतन मन उस इच्छा को निष्पादित करने के लिए आपके दिमाग में कुछ विशेष प्रकार के रसायनिक परिवर्तन करता है। जिसके फलस्वरूप आपका चेतन मन एक निश्चित दिशा में एक्शन लेने के लिए मजबूर हो जाता है। इसके बाद आप देखते हैं कि आप के अधिकांश प्लान सफल होने लगते हैं। अर्थात जब आप अपने दिमाग में बार-बार सफलता के बारे में सोचते हैं तो आकर्षण का नियम काम करने लगता है और सफलता से जुड़ी चीजें आपकी ओर आकर्षित होने लगती है। इसी प्रकार जब आप बार-बार असफलता के बारे में सोचने है तो असफलता आपकी ओर आकर्षित होने लगती है। इसलिए हम हमेशा कहते हैं कि आपकी सोच ही आपकी सफलता या असफलता को तय करती है।
 
 
अब बात करते हैं कि आकर्षण का सिद्धांत कैसे आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। इस बात को भी जानना आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि आपका स्वास्थ्य मुख्य तौर पर आपके पाचन क्रिया पर निर्भर करता है और आपका खराब स्वास्थ्य आपके जीवन की खुशियां को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। हाल में ही डॉक्टरों ने इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम नामक बीमारी का पता लगाया है जिसमें अपच, गैस और दस्त की शिकायत होती है। डॉक्टरों ने जब इस बीमारी के बारे में रिसर्च किया तो पता चला चला कि यह बीमारी चिंता, तनाव, निराशा जैसे नकारात्मक विचारों के कारण उत्पन्न होती है। अर्थात लॉ ऑफ अट्रैक्शन आपकी विचारों को प्रभावित करता है और आपके विचार आपके पाचन क्रिया को प्रभावित करते है। तो अच्छे स्वास्थ्य के लिए आपको अपने मस्तिष्क को नकारात्मक विचारों से दूर ही रखना चाहिए।
 
इसके अलावा आकर्षण का सिद्धांत आपके चिकित्सा पद्धति पर भी ठीक ऐसे ही काम करता है। आपने अक्सर डॉक्टरों को मरीजों से यह कहते हुए भी सुना होगा कि विश्वास रखिए आप जल्दी ठीक हो जाएंगे। यहां पर भी लॉ ऑफ अट्रैक्शन काम करता है यानी आप अपने दिमाग में जो विश्वास या अविश्वास करेंगे। वैसा ही परिणाम आपको देखने को मिलेगा। इतिहास में ऐसा कई बार हुआ है जब लोगों ने केवल विश्वास की शक्ति से ही अपने असाध्य रोगों का ठीक कर लिया है। ‌इसलिए किसी बीमारी की स्थिति में आपको चिंता और अविश्वास बचना चाहिए वरना आप जल्दी ठीक नहीं हो पाएंगे और आप की बीमारी और बढ़ सकती है। 
 
आकर्षण के सिद्धांत के अनुसार आपकी सोच आपके ब्लड प्रेशर को घटा या बढ़ा सकता है। जब आपके दिमाग में गुस्से या उत्तेजित करने वाले विचार उठते हैं तो आपके दिमाग में कुछ रसायनिक परिवर्तन होते हैं, जिसके कारण आपका ब्लड प्रेशर ऑटोमेटिक तेज हो जाता है इसी रसायनिक परिवर्तन की वजह से जब आपके दिमाग में दुःख और निराशा भरे विचार आते हैं तब आपका ब्लड प्रेशर धीमा हो जाता है। इसलिए डॉक्टर लोगों को अक्सर खुश और तनावमुक्त रहने की सलाह देते हैं। 
 

आकर्षण के सिद्धांत के अनुसार आपकी सोच ‌आपके नींद को भी प्रभावित करती हैं। आपने इस बात को महसूस भी किया होगा कि जब आप बिस्तर पर चिंतित और तनावग्रस्त होते हैं तो आपको जल्दी नींद नहीं आती क्योंकि चिंता और तनाव उत्पन्न करने वाले विचार आपकी नींद में बाधा डालते हैं। और जब आप खुश और संतुष्ट होते हैं तब आपको बहुत अच्छी और गहरी नींद आती है। 

 

आकर्षण का सिद्धांत आपके समाजिक और परिवारिक संबंधों को भी प्रभावित करता हैं। इसलिए मैंने कहा है कि आपकी सोच आपको दुनिया में सम्मान दिला सकती हैं और अपमान भी करा सकती हैं क्योंकि नकारात्मक सोच से आपके अंदर नकारात्मक व्यक्तित्व का निर्माण होता है और आकर्षण के सिद्धांत के अनुसार नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति अपनी नकरात्मक सोच से नकारात्मक लोगों और नकारात्मक परिस्थितियों को आकर्षित करता है। जिसे कारण उसे बार-बार अपमान और दुख का सामना करना पड़ता है। जबकि सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक परिस्थितियों और सकारात्मक लोगों को आकर्षित करता है। आकर्षण के नियम की वजह से ही लोग किसी सेक्स ऑपोजिट की ओर आकर्षित होते हैं और लोगों को एक दूसरे से प्रेम हो जाता है।
इसके अलावा आकर्षण का सिद्धांत आपके जीवन के हर पहलू को negative या positive रूप से effect करता हैं। अगर आप इन सब चीजों के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आपको लॉ ऑफ अट्रैक्शन, द पावर आफ पॉजिटिव थिंकिंग, चेंज योर थॉट चेंज योर लाइफ और द पावर आफ योर सबकॉन्शियस माइंड को इन चारो बुक्स को जरूर पढ़ना चाहिए। यह सारे books Amazon पर हिंदी में उपलब्ध है। मैंने नीचे इन चारों books का लिंक दे दिया है आप चाहे तो अमेजॉन से खरीद कर पढ़ सकते हैं।👇
the law of attraction Hindi edition

तो दोस्तो आशा करता हूं कि यह वीडियो आपके लिए काफी ज्ञानवर्धक और उपयोगी रही होगी। तो अगर इस वीडियो से आपको कुछ नॉलेज मिला हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि उनकी सोच में भी सकारात्मक बदलाव हो सके। और हां आप चाहे तो हमारे साथ फेसबुक इंस्टाग्राम टेलीग्राम और यूट्यूब के माध्यम से भी जुड़ सकते हैं। धन्यवाद 🙏

Leave a Comment