Ganatantra Divas speech | Republic day speech in hindi
दोस्तों प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 26 जनवरी 2021 को हमारे देश भारत का 71वां गणतंत्र दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस मुबारक मौके पर हमारे देश के सभी सरकारी कार्यालयों तथा स्कूल कालेजों में राष्ट्रीय ध्वज “तिरंगा” फहराया जाता है और विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में शामिल छात्र-छात्राएं, शिक्षकगण और जनप्रतिनिधियों को अपने देशवासियों को अपनी देश प्रेम की भावनाओं से अवगत कराने का मौका दिया जाता है। इस अवसर पर शिक्षकों और जनप्रतिनिधियों के लिए तो मंच पर बोलने में कोई दिक्कत नहीं होती क्योंकि उन्हें public speaking का थोड़ा-बहुत अनुभव होता है परंतु छात्रों के सामने ये मुश्किल खड़ी हो जाती हैं कि वे बोले तो क्या बोले क्योंकि अभी वे भावनात्मक रूप से पुरी तरह परिपक्व नहीं हुए होते हैं। इसलिए हमने अपने अनुभवों और देशभक्ति से परिपूर्ण भावनात्मक विचारों के आधार पर इस देशभक्ती भाषण को लिखा है। इस भाषण में हमने गणतंत्र दिवस के महत्व को परिभाषित किया है। आप इसे याद करके गणतंत्र दिवस के अवसर पर बोल सकते हैं।
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गणतंत्र दिवस पर शानदार भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकों-शिक्षिकाओं और मेरे प्यारे छात्र-छात्राओं को हमारे राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई देता हूं।
दोस्तों मेरा नाम ……… है और मैं कक्षा … में पढ़ता हूं।
दोस्तों आप सभी ने मुझे इस पावन अवसर पर अपने विचारों और भावनाओं को आपके समक्ष रखने के लिए आमंत्रित करके जो सम्मान दिया उसके लिए मैं आप सभी को तहेदिल से धन्यवाद देता हूं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम सभी अपने प्यारे देश भारत के 71 वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने के लिए यहां इकट्ठे हुए हैं। गणतंत्र दिवस का यह शुभ दिन हमारे बहुत महत्व रखता है क्योंकि आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में लिखित सांविधान के साथ लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली लागू किया गया था। जिसके तहत हमारे देश की आम जनता को देश का नेतृत्व करने के लिए अपना नेता चुनने का विशेषाधिकार दे दिया गया। इसके साथ ही हमारा देश वंशगत राजतंत्र की दासता से मुक्त होकर एक गणतांत्रिक देश बन गया।
गणतंत्र दिवस का महत्व
यदि आपलोगों को राजतंत्र और गणतंत्र का फर्क नही पता तो मैं बता देता हूं ताकि आप गणतंत्र दिवस के महत्व को समझ पाएं। राजतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली थी जिसमें किसी राज्य का राजा वंशानुगत आधार पर जीवन भर या पदत्याग करने तक होता था उसके बाद उसका उतराधिकारी उसके वंश का ही कोई व्यक्ति होता। चाहे वह कितना भी अत्याचारी और अयोग्य क्यों ना हो। आम जनता को राजा के खिलाफ एक शब्द भी बोलने या उसके अनुचित निर्णयों के खिलाफ एक शब्द भी बोलने का अधिकार नहीं होता था। लेकिन उसके विपरीत एक गणतांत्रिक राष्ट्र का प्रमुख यानी राजा एक निश्चित अवधि के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आम जनता के द्वारा निर्वाचित होता है। जैसा कि हमारे देश में हर पांच वर्ष पर चुनाव होता है और हम अपने इच्छानुसार योग्य और अनुभवी राष्ट्रप्रमुख चुनते हैं। लोकतंत्र में हमारे पास यह अधिकार है कि कि हम सरकार के गलत निर्णयों के खिलाफ आवाज भी उठा सकते हैं। अब आप खुद सोच सकते हैं कि आज का दिन हमारे लिए कितना गौरवशाली है। आपको ये जानकार और भी गौरव का अनुभव होगा कि हमारा सांविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित सांविधान है जिसे बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर की अगुवाई में लिखा गया था। इस दिन को गौरवशाली बनाने के लिए जिन वीर सपूतों ने अपनी कुर्बानी दी, जिन महापुरुषों ने अपना अमूल्य योगदान दिया हमें उन्हें नहीं भुलना चाहिए। वरना हमारी मातृभूमि हमे कभी माफ नहीं करेगी।
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दोस्तों पहले हमारा भारत देश ब्रिटिश राज के अधीन एक गुलाम देश था, जिसे कई वर्षों के संघर्ष के बाद और हमारे देश के हजारों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों से स्वतंत्र किया गया था। 26 जनवरी 1950 को, डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। और पंडित जवाहर लाल नेहरू को सर्वसम्मति से देश का प्रथम प्रधानमंत्री चुना गया।
आजादी के पहले हमारे देश को एक गुलाम और पिछड़ा देश माना जाता था। दुनिया में हमारी कोई अपनी पहचान भी ना थी। लेकिन
आजादी के बाद से हमारे देश ने काफी तेजी से विकास किया है। जिसकी वजह से अमेरिका, रूस और जापान जैसे तमाम विकसित देश हमारे आगे मित्रता को हाथ बढ़ा रहे हैं। औधोगिक विकास के साथ-साथ हमारा देश रक्षा क्षेत्र में भी लागातार आगे बढ़ रहा है। आज हमारी सेना विश्व का चौथी सबसे ताकतवर सेना मानी जाती है और अपनी रक्षा करने में पुरी तरह सक्षम है। हमारा देश जीडीपी के मामले में दुनिया में 6 नंबर पर गिना जाता है और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हालांकि कोरोना महामारी की वजह से हमारे देश की जीडीपी में काफी गिरावट आई है। परंतु अब हमारी अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।
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बहरहाल हमारे यहां विकास के साथ-साथ कुछ आंतरिक कमियां भी उत्पन्न हुई हैं। जिसमें सुधार की जरूरत है और इस देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें तन मन और धन से इसके सुधार में अपना बहुमूल्य योगदान देना चाहिए। हमें अपने पूर्वजों के अमूल्य बलिदानों को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। और अपने प्यारे देश को भ्रष्टाचार, गरीबी, महंगाई, अशिक्षा, असमानता, सांप्रदायिकता और आतंकवाद से मुक्त करने से महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
दोस्तों आज का दिन बहुत ही शुभ दिन है इसलिए आइए आज के दिन हम शपथ लें कि हम अपने भारत देश की सांविधान, संस्कृति, अखंडता, संप्रभुता और सभी देशवासियों की रक्षा करेंगे। अपने देश की रक्षा करेंगे। इसी शपथ के साथ मैं अपने शब्दों को विराम देता हूं। 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जय हिन्द जय भारत, वंदे मातरम।
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