5 important life lasson जो मैंने Covid-19 से सीखे।

life lessons learned from covid-19|5 महत्वपूर्ण सबक जो मैंने कोविड-19 से सीखा

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Corona outbreak

जकल corona महामारी से रोजाना हजारों लोगों की मौत हो रही हैं। लाखों लोग अस्पतालों में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। किसी को बेड नहीं मिल रही है, किसी को दवाई नहीं मिल रही है तो किसी को आक्सीजन नहीं मिल रही है। हर तरफ दुःख, दर्द और निराशा का माहौल है। हम भी इस महामारी से काफी निराश है। हमने भी इसमें बहुत कुछ खोया है। लेकिन हमने इस महामारी से कुछ महत्वपूर्ण सबक भी सीखे है और यदि आप हमारे साथ सीखने के लिए तैयार हो तो आज हम आपको corona pandemic से पांच महत्वपूर्ण सबक सिखाएंगे। जो भविष्य में आपके बहुत काम आ सकती है।  तो चलिए जानते हैं वो पांच सबक कौन से है।

5 life lessons learned during covid-19 pandemic in hindi

  1. आक्सीजन का महत्व ( importance of oxygen)
हमलोग जब से पैदा हुए है तभी से हमारे रग-रग ऑक्सीजन जीवन ऊर्जा के रूप में दौड़ रही है। अर्थात हम-सब आक्सीजन के सहारे ही जीवित है। परंतु हमने कभी भी ऑक्सीजन की महत्व के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा। हम औद्योगिक विकास के नाम पर लगातार पेड़ पौधो को काट कर कल-कारखानें और मोटर इत्यादि लगाते रहे। हम आधुनिकता की आड़ में ऑक्सीजन के स्रोतों को नष्ट करते रहे और वायुमंडल को प्रदूषित करते रहे। लेकिन शायद हमने कभी ये नहीं सोचा कि एक दिन हमें ऑक्सीजन के लिए इतना संघर्ष करना पड़ेगा।
आज जब हजारों-लाखों लोग ऑक्सीजन की कमी की वजह से घुट-घुटकर कर दम तोड रहे हैं तो शायद अब हमें ऑक्सीजन की कीमत का अंदाजा हो गया होगा। अतः अब हमें चाहिए कि हम अनावश्यक रूप से पेड़ पौधों को काटने से बचें और कम से कम वायु प्रदूषण फैलाएं। हमें चाहिए कि हम ऑक्सीजन के महत्व को समझे और ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं ताकि हमारे वायुमंडल में कभी भी ऑक्सीजन की कमी ना हो। दुनिया की सरकारों को भी शायद यह बात समझ में आ गई है इसीलिए आजकल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर इतना जोर-शोर से काम चल रहा है। जिससे वायु प्रदूषण को कम किया जा सके।

2. पैसे का महत्व (importance of money)

हमारे देश में करीब 70% लोग ऐसे हैं “जो कमाओ और खर्च करो” वाले फार्मुले पर विश्वास करते हैं। उनके पास जब भी थोड़ा ज्यादा पैसा आता है वे उसे  फिजुल-खर्ची में उड़ा देते हैं। वे दूसरों को प्रभावित करने के लिए बार-बार महंगे मोबाइल, बाईक, टीवी, और ब्रांडेड महंगे कपड़े इत्यादि बदलते रहते हैं। भले ही उन्हें उस चीज की जरूरत ना हो या वह चीज उनके बजट से बाहर हो। परंतु एक बार भी वे इस बारे में नहीं सोचते कि भविष्य में अगर अचानक कोई आपदा आ गई या कोई विपत्ति आ गई तो क्या होगा। आज जब कोरोना महामारी के कारण lockdown लग गया है तो अधिकांश लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब हो गई है क्योंकि इधर काम-धंधे भी बंद है और पास में कोई सेविंग भी नहीं है। ऐसे में गुजारा कैसे हो। तो इससे हमें ये सबक सीखने को मिलती है कि हमे अपने अच्छे दिनों में फिजुल-खर्ची पर लगाम लगा कर कुछ ना कुछ सेविंग जरुर करनी चाहिए। ताकि भविष्य में अचानक कोई मुसीबत आ जाएं तो हम आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सके।

क्या पैसा ही सब कुछ होता है?

3. समय प्रबंधन (time management)

कोरोना के आने से पहले हम लोग जिंदगी की भागदौड़ में इतना व्यस्त रहते थे कि हमारे पास बहुत सारी जरुरी कामों के लिए समय ही नहीं बचता था। हमारे पास परिवार के लिए समय नहीं होता था। हमारे पास exercise करने के लिए समय नहीं होता था। meditation करने के लिए समय नहीं होता था, किताबे पढ़ने के लिए समय नहीं होता था या किसी शौक को पूरा करने के लिए समय नहीं होता था। लेकिन अभी हम ये बहाना नहीं बना सकते क्योंकि लॉकडाउन होने के कारण अभी हमारे पास बहुत खाली समय है। अभी हम ऑफिस या बिजनेस के टेंशन से मुक्त होकर अपने परिवार को समय दे सकते हैं। हमारे पास अपने बिगड़ते हुए हेल्थ और फिटनेस को सुधारने के लिए पर्याप्त समय है। अभी हमारे पास exercise करने के लिए पर्याप्त समय है। हम yoga या exercise करके अपने बेहतर स्वास्थ्य और फिटनेस को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।  हम मेडीटेशन करके अपने मानसिक शक्ति को बढ़ा सकते हैं। हम अपने पसंद की ढेर सारी किताबें पढ़कर अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। तो फिर देर किस बात की, इस अवसर का लाभ उठाइए और जो भी ख्वाहिशें आपके दिल में छुपी हुई हुई उसे पूरा कर डालिए। पता नहीं आपको फिर कभी समय मिले या ना मिले।


4. जीवन का अंतिम सत्य (truth of life)

दोस्तों इस दुनिया में हम तरफ धन-दौलत, पद, प्रतिष्ठा, तेरा-मेरा और अपना-पराया के लिए मार काट मची हुई है। इसके आगे हमें पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म, नैतिक-अनैतिक, न्याय-अन्याय सही-गलत किसी भी चीज की कोई परवाह नहीं है। हर कोई अपने ही घमंड में ही चूर है। ऐसा लगता है कि लोग जीवन के परम सत्य मृत्यु को भुल चुके हैं। शायद लोग ये भुल चुके हैं कि मौत दिन-ब-दिन उनकी तरफ बढ़ रही है और उनके पास पहुंच जाएगी ये किसी को नहीं पता। लेकिन जिस प्रकार कोरोना महामारी से लगातार लोग मर रहे हैं। जिस प्रकार उनके अपने भी उनसे मुंह मोड़ रहे हैं उससे हमें यहीं सबक लेना चाहिए कि मौत ही जीवन का अंतिम सत्य है। और साथ में हमें ये भी जान लेना चाहिए कि इस दुनिया में हमारा अपना कुछ भी नहीं है। सब केवल एक भ्रम है क्योंकि हमारे पास जो कुछ भी है उसे एक दिन मौत हमसे छिन ले जाएंगी। और अंत में हमारे पास कुछ नहीं बचेगा। यही जीवन का अंतिम सत्य है।
 

5. इंसानियत (humanity)

इस महामारी जहां सब लोग अपनी-अपनी जान बचाने में लगे हुए हैं। जहां लोग अपनों से भी मुंह मोड़ रहे हैं। वहां बहुत से ऐसे लोग भी सामने आ रहे हैं जो अपने और अपने परिवार की फ़िक्र किए बिना तन मन और धन से लोगों की मदद कर रहे हैं। किशोर कांत तिवारी जैसे कुछ लोग भूख से मरते गरीबों के लिए भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं। सोनू सूद जैसे कुछ लोग कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए दवा ऑक्सीजन इत्यादि की व्यवस्था कर रहे हैं तो जुनैद खान जैसे कुछ लोग कोरोना से मरने वाले लावारिस शवों की दाह संस्कार करके इंसानियत की एक‌ नयी मिसाल पेश कर रहे है। इसके अतिरिक्त लाखों डाक्टर, नर्स, ड्राइवर, और पुलिसकर्मी इत्यादि भी अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं। इसलिए जो लोग हमेशा कहते थे कि इस दुनिया में इंसानियत मर चुकी है। अब अच्छाई का जमाना नहीं रहा उन्हें अपनी सोच बदलने की जरूरत है। क्योंकि इन लोगों के मानवता के प्रति समर्पण को देखकर मैंने यहीं सबक सीखा है कि दुनिया में इंसानियत अभी भी जिंदा है।
तो दोस्तो यहीं वो पांच सबक है जो मैंने इस कोरोना महामारी में सीखा है। लेकिन आपने इनमें से कौन-सा सबक सीखा है कृपया हमें कमेंट करके जरूर बताएं। तो अगर आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर शेयर जरुर करें।आप हमारे साथ Facebook और Instagram के जरिए भी जुड़ सकते हैं तथा अगर आप हमारे Motivational videos देखना चाहते हैं तो हमारे YouTube channel को सब्सक्राइब करें। धन्यवाद

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