कोरोनावायरस महामारी से आपके जीवन पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

कोरोनावायरस महामारी का मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव

Positive effect of coronavirus pandemic hindi
करोनावायरस महामारी
कोरोनावायरस के कहर से इस वक्त सारी दुनियां त्राहि-त्राहि कर रही है। कोरोनावायरस के आतंक से हर आदमी डर के साए में जी रहा है।  लेकिन इस आर्टिकल में हम आपको कोई डराने वाली बात नहीं बताने वाले हैं बल्कि आज हम कोरोना वायरस के वजह से इस दुनिया में होने वाले सकारात्मक बदलाव के बारे में बात करेंगे। क्योंकि इस विपदा की घड़ी में हमारा आशावादी होना बहुत जरूरी है। चुंकि हम भी आशावादी दृष्टिकोण के व्यक्ति हैं, इसलिए हम कोरोनावायरस महामारी के फैलने की घटना को सकारात्मक नजरिये से देखने की कोशिश कर रहे हैं। ताकिं आपके दिल को कुछ सुकून मिले क्योंकि इस डर के माहौल में हम सभी को सुकून और सांत्वना की जरूरत है। और सबसे पहले तो हमें ये समझने और सबको समझाने की जरूरत है कि यह संकट ज्यादा दिनों तक नहीं रहने वाला। कुछ दिनों के बाद कोरोना वायरस का असर भी धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। क्योंकि इससे पहले भी कई बार दुनिया पर वायरसों का अटैक हुआ है और हर बार मानव जाति ने उसे हराया है। इसलिए धबराइए मत वो वक्त भी आएगा जब हम कोरोना वायरस को भुल चुके होंगे। और उस वक्त जब हम पीछे मुड़कर देखेंगे तो इतना जरूर सोचेंगे कि अगर कोरोना वायरस नहीं आता तो हम खुद को बेहतर नहीं बना पाते। तो मोटिवेशन बहुत हो गया। अब आइए जानते हैं कि कोरोना वायरस का हमारे जीवन पर क्या अच्छा प्रभाव पड़ने वाला है।
 

  1. वन्य जीवों का संरक्षण
कोरोनावायरस के शोर से साथ लगभग दुनिया का बच्चा-बच्चा ये जान चुके हैं कि यह वायरस जंगली जानवरों का मांस खाने से पैदा हुआ है। इसलिए अब लोग मांस खाने से डर रहे हैं और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग आगे भी मांस खाने से पहले सौ बार सोचेंगे। कुछ लोग तो मांसाहार से तौबा ही कर लेंगे। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इस तरह दुनिया के लाखों-करोड़ों पालतू और जंगली जानवर बेमौत मरने से बच जाएंगे। जिसे प्राकृतिक संतुलन पैदा होगा क्योंकि मांसाहार की वजह से पृथ्वी पर जीव जंतुओं की संख्या काफी तेजी से घटती जा रही है। इसका दूसरा बड़ा लाभ यह होगा कि मनुष्य मांसाहार की वजह से होने वाली कई बीमारियों से बच जाएंगे। WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक मानव शरीर में होने वाली 100% बीमारियों के लिए मांसाहार और सीफुड जिम्मेदार है। जिससे दुनिया में हर साल 3-5 करोड़ लोगों की मौत हो जाती है। 
 

मनुष्य का अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता

कोरोना वायरस की वजह से बच्चे से लेकर बूढ़े तक साबुन से हाथ धोना सीख गए हैं। हम मनुष्यों की एक बहुत ही बुरी आदत है कि जब तक हमे ठोकर ना लग जाए, हम कुछ सीखते नहीं है।‌ हम पहली कक्षा से ही पढ़ते आ रहे हैं कि बिना साबुन से हाथ धोएं कुछ भी नहीं खाना चाहिए। लेकिन हमें तो आदत है लापरवाही की। लेकिन जो काम हम बरसों से नहीं सीख पायें। करोना ने एक ठोकर में सीखा दिया। अब लोग साफ सफाई पर बड़ा ध्यान दें रहें हैं जो धीरे-धीरे उनकी आदत बन जाएगी।  इस तरह लोगों में अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। जिससे गंदगी से होने वाली अतिसार,पीलिया, हैजा, पेचिश और डायरिया जैसी बीमारियों में कमी आएगी। जिससे हर वर्ष दुनियाभर में करीब 20 लाख लोगों की मौत हो जाती है।जो कोरोना वायरस से होने वाली मौतों से कई गुना ज्यादा है।
अन्य बिमारियों से बचाव
सारी दुनिया जानती है कि हमारे देश के लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति कितने लापरवाह हैं। हमारे यहां लोग तब तक अस्पताल नहीं जाते, जब तक की बीमारी गंभीर ना जाए। और जब तक वे अस्पताल पहुंचते हैं तब तक बीमारी आखिरी स्टेज में पहुंच चुकी होती है। इस लापरवाही की वजह से प्रतिदिन सैकड़ों लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं। लेकिन कोरोनावायरस के डर से जरा सी तबीयत बिगड़ते अपना जांच करवा रहे हैं। कि कहीं उन्हें कोरोना तो नहीं हो गया।  इस तरह समय रहते उनके अंदर और भी कई सारी बीमारियां पकड़ में आ जाएंगी। ऐसे में वे समय रहते उन बिमारियों का इलाज करा कर बड़े नुकसान से बच जाएंगे।
वायु प्रदुषण से बचाव
कोरोनावायरस के डर से आजकल सभी लोग मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। जिसके फलस्वरूप वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में कमी आएगी। यहां हम आपको बताते चलें कि दुनिया में हर साल 50 लाख लोग वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों की वजह से दम तोड़ देते हैं। अकेले भारत में ही हर साल 15 लाख लोगों की मौत का कारण वायु प्रदूषण है। इसके अतिरिक्त खसरा, टीबी, और स्वाइन फ्लु जैसी संक्रामक रोगों के संक्रमण की संभावना कम होगी।

ग्लोबल वार्मिंग कम होना

कोरोना वायरस महामारी के चलते दुनिया के लगभग सभी देशों ने अपने देश में लॉक डाउन कर दिया है जिसके चलते कल कारखाने और वाहन नहीं चल रहे हैं। जिससे हमारे वायुमंडल को कल कारखाने और वाहनों से निकलने वाले धुंए और गर्मी से राहत मिली है। जिसके फलस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग जो धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी अब धीरे-धीरे कम होने लगी है। प्रदूषण कम होने की वजह से दुनिया के सुरक्षा कवच ओजोन परत के लेयर में भी सुधार हो रहा है।

परिवारिक रिश्तों में सुधार
 
प्रतिस्पर्धा के इस दौर में आजकल हर इंसान इतना व्यस्त हो गया है, कि इस भागदौड़ में लोग अपने अनमोल रिश्तों को भी समय नहीं दे पा रहे हैं। जिसकी वजह से परिवारिक रिश्तों में दूरियां बढ़ रही है।  लेकिन कोरोना वायरस के कारण लाॅकडाउन होने से लोगों को अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिल रहा है। जिससे परिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे।
इसके साथ-साथ और भी कई सारी बातें हैं। जिनका जिक्र मैं अभी नहीं कर रहा हूं। क्योंकि हमें लगता है कि उससे‌ आपकी भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। और मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता। वैसे अगर आप इस विषय पर गहराई से विचार करेंगे तो आपको समझ आ जाएगा। इस आर्टिकल को मैं इसलिए लिख रहा हूं ताकि सब लोग जान सकें कि कोरोना वायरस के माध्यम से प्रकृति हमें कुछ सीखाने का प्रयत्न कर रही है। आपने कहीं सुना या पढ़ा भी होगा कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। यानी हर नकारात्मक पक्ष का कोई ना कोई सकारात्मक पक्ष भी होता है। और यदि जब परिस्थितियां हमारे नियंत्रण में ना हो तो हमें उसे सकारात्मक नजरिये से देखना चाहिए। यहीं जीवन का दस्तूर भी हैं और प्राकृति का नियम भी।
हां एक बात तो निश्चित हैं कि कोरोना वायरस हमारे जीवन में कई सारे दर्द और गम छोड़ कर जाएगा। मगर कोई बात नहीं हम इंसान काफी जिद्दी स्वभाव के प्राणी है। हमने पहले भी कई सारी प्राकृतिक आपदाओं को झेला है इसे भी झेल लेंगे। वैसे हम इंसानों ने कुदरत के नियमों के साथ जो खिलवाड़ किया है उसकी सजा तो भुगतनी ही पड़ेगी।
 खैर अभी इस विषय पर बात करना उचित नहीं होगा। अभी हम सभी को इस मुसीबत का मिलकर सामना करना चाहिए। इसलिए आपसे अनुरोध है कि हमारी सरकार द्वारा बताई गई निर्देशों का पालन करके इस महामारी से निपटने में सहयोग करें। धन्यवाद 🙏

 दुःख के हैरान करने वाले फायदे

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