दिवाली कैसे मनाएं | दिवाली में रखें इन 5 खास बातों का ध्यान।
Happy Diwali
दिपावली का त्यौहार धार्मिक और समाजिक दृष्टि से दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। कार्तिक अमावस्या के घोर अंधेरे में दीप जलाकर हमलोग अज्ञान के अंधकार को मिटा कर ज्ञान के प्रकाश को प्रज्ज्वलित करते है। दिवाली का त्यौहार हम सब बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते है,लेकिन दिवाली के उत्साह में हमलोग कुछ बातों को भुल जाते है । जो दिवाली के महत्व को फीका बना देती है । यहाँ मैं कुछ बातें बता रहा हूँ जिसको ध्यान में रखकर आप इस दिवाली को यादगार बना सकते है।
(1) अपनी खुशी का दायरा बढ़ाये
हर साल दिवाली में हमलोग अपने और अपने परिवार के लिए नये-नये कपड़े खरीदते है। अपने घर को सजाने के लिए नये-नये सामान खरीदते है। अपने और अपने परिवार की खुशी के लिए हर चीज खरीदते है परंतु हम इस खुशी में भुल जाते है कि हमारे आस-पास ना जाने कितने गरीब और लाचार लोग रहते है। जिनके पास ठीक से पहनने के लिए कपड़े नही होते। जिनको दो वक्त का भोजन भी बड़ी मुश्किल से मिलता है और जब हम धूमधाम से दिवाली मना रहे होते है तब वे बेचारे दुखी होकर अपने भाग्य को कोस रहे होते है।
• गरीबों के साथ दिवाली की खुशियाँ बांटे !
दोस्तों आपने तो सुना ही होगा कि खुशियाँ बाँटने से बढ़ती है इसलिए आप कुछ गरीबों को भी अपनी खुशियों में शामिल करें ।आपसे जितना हो सके उतने में ही उनकी मदद करें ताकि वे भी दिवाली मना सकें । इस बार पकवान कुछ ज्यादा बनवाये और उन्हें भी खिलाये जो रूखी-सुखी रोटी खा कर अपना जीवन गुजार रहे है । इस दिवाली में मिठाई थोड़ा ज्यादा खरीदे और किसी गरीब के घर लेकर जाए । यकीन मानिए उनके साथ-साथ आपको भी इतनी खुशी मिलेगी कि आप सोच भी नही सकते और उनकी दुआओं की खुशबु आपके जीवन को महका देगी ।
(2) पटाखों के दुष्प्रभाव
दिवाली के लिए पटाखें खरीदने जा रहे है तो थोड़ा पटाखों के दुष्प्रभाव के बारे में जान लिजिए । पटाखों के निर्माण में सल्फर और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का प्रयोग होता है । आप जो पटाखे फोड़ कर क्षणिक खुशी महसूस करते है । वह वास्तव में हमारे पर्यावरण और हमारे स्वास्थ्य में जहर घोल रही होती है । पटाखों से निकलने वाले जहरीले धुएं से वायुमंडल प्रदुषण होता है। जिनसे दमा एलर्जी और फेफड़े से संबंधित बिमारीयां होती है। पटाखों से निकलने वाले तेज आवाज से ध्वनि प्रदूषण भी होता है। जिनसे बुजुर्गो और बिमार लोगों को काफी कष्ट होता है और साथ में बच्चों के कानों के नाजुक पर्दे पर आघात होता है ।
• पटाखों का उपयोग
कुछ लोग दिवाली पर पटाखे फोड़ना परंपरागत मानते है जो कि बिल्कुल गलत है। पटाखों का दिवाली से कोई भी संबंध नही है। दिवाली में पटाखे फोड़ना ना तो हमारी संस्कृति में है और ना ही हमारी परंपरा में। पटाखों का अविष्कार तो चीन में हुआ था। फिर कुछ शौकीन लोग उसे भारत लेकर आये और दिवाली से जोड़ दिया। कुछ लोगों के अनुसार दिवाली में पटाखे फोड़ना शुभ होता है, परंतु मुझे नही लगता कि अपनी मेहनत से कमाये गये रूपए को आग लगाने से हमारे जीवन में सुख शांति और समृद्धि आ सकती है ।
• इको फ्रेंडली पटाखों का करें उपयोग
फिर भी यदि आपको पटाखों का शौक है तो कृपया इको फ्रेंडली पटाखे ही खरीदें । इको फ्रेंडली पटाखे विशेष प्रक्रिया द्वारा निर्मित किए जाते है । ये सामान्य पटाखों की तुलना में 40 से 50 प्रतिशत कम प्रदूषण फैलाते है । लेकिन ऐसा नही है कि ये बिल्कुल सुरक्षित है इसलिए कम से कम पटाखें खरीदें
• सावधानी से छोड़ें पटाखे
पटाखों का उपयोग सावधानी से करें क्योंकि पटाखों की वजह से कई बार लोग जख्मी भी हो जाते है । कई बच्चों की आँखों की रोशनी भी चली जाती है इसलिए बच्चों के साथ रह कर पटाखे छुड़वाये । पटाखों की वजह से हर साल अगलगी की घटनाएँ भी होती है, इसलिए पटाखों का प्रयोग आबादी से दुर हट कर करें।
• नकली और मिलावटी मिठाई से रहें सावधान
पर्व त्यौहारों में कुछ दुकानदार ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावटी दुध और नकली मावे से मिठाई बनाते है । जो हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है इसलिए मिठाई खरीदते समय मिठाई की क्वॉलिटी भी देख ले। वर्ना तबियत खराब होने पर त्यौहार का मजा किरकिरा हो सकता है। आप चाहे तो घर पर ही शुद्ध मिठाई बना सकते है। अगर आपको मिठाई बनाना नही आता तो उसके लिए YouTube पर सैकड़ो विडियो मौजूद है ।
इस प्रकार आप छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख कर आप इस दिवाली को यादगार बना सकते है । तो दोंस्तो आपको ये जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाये । हमारी तरफ से आप सभी को दिपावली का ढेर सारी शुभकामनाएँ 💖happy 🌹 💖diwali 🌹