दिवाली कब है, और दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का क्या महत्व है ?
धनतेरस क्यों मनाया जाता है ?
तब सभी देवता भगवान विष्णु के पास मदद मांगने गए । भगवान विष्णु ने की सलाह पर देवताओं ने असुरों संधि कर ली और फिर देवताओं ने असुरों के साथ मिलकर भगवान विष्णु के योजनानुसार समुद्र मंथन किया ताकि उसमे से निकले अमृत को पीकर अमर हो सकें और असुरों पर विजय प्राप्त कर सकें । समुद्र मंथन लगातार चौदह दिनों तक चलता रहा। उसी में भगवान धन्वंतरि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि पीतल के कलश में अमृत का घड़ा लेकर प्रकट हुए । तभी से उनके जन्मदिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है । भगवान धन्वंतरि के जन्म के दो दिन बाद लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था इसलिए इनके साथ लक्ष्मी जी की भी पुजा होती है
धनतेरस कब है ? |धनतेरस पुजा का समय
धनतेरस शुभ मुहूर्त : 17:44:07 से 18:05:50 तक
अवधि : 0 घंटे 21 मिनट
प्रदोष काल :17:44:07 से 20:16:44 तक
वृषभ काल :18:58:48 से 20:54:40 तक
धनतेरस पुजा कैसे करें
धनतेरस में क्या खरीदना चाहिए ।
• ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन घर के पुराने झाड़ू को हटा कर नयी झाड़ू लाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है।
• धनतेरस के दिन मिट्टी के दीये और लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति अवश्य खरीदें ।
• धनतेरस के दिन इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण भी खरीदना लाभदायक होता है ।
धनतेरस के दिन ध्यान रखने योग्य बातें
•धनतेरस के पहले अपने पुराने कर्जे को चुकाने का भरसक प्रयास करें।
• धनतेरस के दिन भी मार्केट के आकर्षण उपहार या विशेष छुट के लालच में पड़कर अनावश्यक वस्तुओं को ना खरीदें ।
• कोई भी वस्तु खरीदते समय अपने बजट का ध्यान रखें ।
• धनतेरस के दिन किसी से कर्ज नही लेना चाहिए । वरना बाद में आपको पछताना पड़ सकता है । •कोई भी सामान खरीदने से पहले उसकी क्वालिटी जांच लें।
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आप सब को हमारी तरफ से धनतेरस और दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं । धन्यवाद