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Anxiety and depression |
चिंता के कारण और निवारण
हम हमेशा अपनी सफलताओं की योजना बनाते हैं,कि हम सफल हो गए तो तो ये करेगें वो करेेंगे। हम एक बार भी नहीं सोचते कि अगर हम असफल हो गएं तो हमें क्या करना चाहिए। जबकि हम यह बेखुबी जानते हैं कि सफलता और असफलता दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। तो क्या हमें सफलता के साथ-साथ विफलता की योजना भी नहीं बनानी चाहिए ताकि अगर हम असफल हो जाए तो हमारे सामने दूसरा विकल्प हमेशा तैयार रहें। एक और बात, अगर हम सफलता का जश्न मना सकते हैं तो असफलता का जश्न क्यों नहीं मना सकते। हम जब असफल होते हैं तो सबसे पहले भरपेट मनपसंद चीजें खाते हैं, फिर कोई सस्पेंस, थ्रिलर मूवी देखते हैं और उसके बाद भरपूर नींद लेते हैं। उसके बाद असफलता के कारणों का अवलोकन करते हैं। इस तरह हम बेकार की चिंता से बच जाते हैं।
चिंता तनाव दूर कैसे करें
चिंता और चिंतन दोनों दिखते तो एक जैसे हैं परंतु दोनों का स्वभाव अलग-अलग है। चिंतन से हम अपने समस्याओं का हल निकाल लेते हैं तो चिंता करके हम अपनी समस्याओं को और उलझा लेते हैं। चिंता में व्यक्ति सब कुछ गंवाता है तो चिंतन में वह हर खोई हुई वस्तु को पा लेता है बल्कि वह सभी स्त्रोत एवं मार्ग ढूंढ लेता है जिनसे वह अनभिज्ञ है। चिंता का परिणाम दुख होता है चिंतन का परिणाम आनं। इसलिए जीवन की समस्याओं पर चिंतन करें चिंता नहीं। जीवन में कभी-कभी लापरवाह और स्वार्थी बनना भी बुरा नहीं है। क्योंकि यह सारी दुनिया माया है यहां कोई किसी का नहीं है। सब झूठ है,प्रपंच है, दिखावा है, याद रखें आपके जीवन में कोई भी चीज आपके स्वास्थ्य और आपकी खुशी से महत्वपूर्ण नहीं हो सकती। अगर आप चिंतित होकर अपना स्वास्थ्य और जीवन खराब कर लेंगे तो कोई आपको पूछेगा भी नहीं इसलिए दुनिया की चिंता छोड़ कर खुद से प्यार करें। भरपेट भोजन करें, अपने मनपसंद के कपड़े पहने और छोटी-छोटी खुशियों को इन्जाॅय करें। हम चिंतित तभी होते हैं जब हम खाली बैठे होते हैं क्योंकि खाली समय में ही हमारे दिमाग में उजुल-फिजुल विचार आते हैं। अर्थात हमारे पास खाली समय ही ना बचे तो हमारे चिंतित होने की संभावना बहुत कम रह जाती है। इसलिए खुद को व्यस्त रखने का प्रयास करें। अगर आपके पास खाली समय बचता हो तो उस समय में कोई रचनात्मक कार्य करें। इस तरह समय का सदुपयोग भी होगा और आपके अंदर की छुपी हुई प्रतिभा भी निखरेगी।
कभी-कभी ऐसा होता है कि हमारे लाख कोशिश करने के बाद भी समस्याएं कम नहीं होती। हम बार-बार अच्छा करने की कोशिश करते हैं। लेकिन ऐन वक्त पर सब कुछ बिगड़ जाता है। जिसे हम लोग कहते हैं कि सब किए कराए पर पानी फिर गया। याद रखें जीवन में सब कुछ हमारी मर्जी से नहीं हो सकता। इसलिए अनहोनी को किस्मत का लिखा मानकर उसे शांत भाव से स्वीकार कर लेना चाहिए। जब हमारे अंदर परिस्थितियों को सहजता से स्वीकार करने का भाव आ जाता है तो हमारे अंदर गहरा संतोष छा जाता है। और हां कभी-कभी कुछ बातें वक्त पर भी छोड़ देना चाहिए। क्योंकि कुछ चीजें वक्त के साथ अपने आप ठीक हो जाती है।
चिंताओं को दूर करने के लिए अध्यात्म की शरण में जाना सबसे बेहतरीन उपाय है।
जब किसी बात की चिंता बताएं तो आपको धार्मिक और आध्यात्मिक क्रियाकलापों में हिस्सा लेना चाहिए। जब भी हमें चिंता घेरने लगे तो भगवद्गीता की उन पंक्तियों को याद करना चाहिए। जिसमें लिखा है, जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा है और जो होगा वह भी अच्छा होगा। हमें सोचना चाहिए कि जो होना है वह तो होकर ही रहेगा फिर उसके बारे में सोच कर चिंतित होने से क्या फायदा।
ज्यादा चिंता होने पर क्या करें
- सभी प्रकार की चिंताओं का मूल कारण मन की चंचलता और अस्थिरता ही होती है। इसलिए अगर आप ध्यान साधना की गहराई में उतर कर मन को स्थिर और शांत कर लें तो फिर जीवन में आप कभी भी चिंतित नहीं होंगे। हमारे जीवन में जितनी भी समस्याएं होती है यह सब हमारी असिमित इच्छाओं के कारण ही पैदा होती है।
- दुख, चिंता, तनाव,भय निराशा, क्रोध, घृणा आदि जितनी भी हमारी मानसिक वृतियां है वे सब इन दो चीजों पर केंद्रित होती है, “जो हमारे पास है उसे खोने का डर और जो हमारे पास नहीं है उसे पाने की इच्छा ” हमारी पूरी जिंदगी इन्हीं दो धूरियों पर घूमती है और अंत में हम खाली हाथ रह जाते हैं। याद रखें, रोटी कपड़ा और मकान ये तीन चीजें ही इंसान की बुनियादी जरूरत होती है, बाकी सब तो हमारी अनावश्यक इच्छाएं हैं। हमारे कहने का तात्पर्य यह है कि अगर हम अपनी इच्छाओं को सीमित कर ले तो हमारे पास चिंता करने का कोई कारण ही नहीं रह जाएगा।
- जब हमारे जीवन में सब कुछ बुरा ही बुरा हो रहा होता है तो हम चाह कर भी खुद को चिंतित होने से नहीं रोक पाते। ऐसी स्थिति में हमें शारीरिक क्रियाकलापों द्वारा खुश होने का अभिनय करना चाहिए। अत्यधिक चिंता की स्थिति में आपको इन तरीकों को अपनाकर आप अपनी चिंताओं से मुक्त हो सकते है।
- सबसे पहले कुर्सी पर आराम की मुद्रा में बैठ जाएं या बिस्तर पर लेट जाएं। अब शरीर को एकदम ढीला छोड़ दें। और कुछ देर तक गहरी-गहरी सांस लें।
- शीशे के सामने खड़े होकर मुस्कुराने की एक्टिंग करें। कभी हनुमान जी की तरह मुंह फुलाए तो कभी शेर की तरह मुंह फाड़े। इसी प्रकार तरह-तरह से मुंह बनाएं। यह तरीका तनाव को बहुत तेजी से कम करता है।
- आपको जो काम अच्छा लगता हो या आपका जो शौक हो वह करें। अपने मनपसंद के गाने सुने या गुनगुनाए। आप अकेले कमरे में ईयर फोन लगाकर दर्दे डिस्को डांस भी कर सकते हैं। यह मजाक नहीं है आप करके देखें बहुत सुकून मिलता है।
- आपको पढ़ने का शौक है तो आप अपने मनपसंद की प्रेरणादायक पुस्तकें उपन्यास या मैगजीन पढ़ें।
- अगर आपको घूमने का शौक है तो आप किसी प्राकृतिक जगह या हिल स्टेशन पर घूमने जा सकते हैं।
- अगर आप नियमित रूप से प्रतिदिन एक्सरसाइज या योगासन करें तो आपको बेहतरीन परिणाम देखने को मिल सकते हैं। अपने पसंद के मुताबिक क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस या कोई भी आउटडोर गेम खेलें।
- आखिर में हम आपसे यही कहना चाहेंगे कि भविष्य की योजनाएं बनाईए, उसके लिए तैयारियां कीजिए उसके लिए चिंतन कीजिए परंतु भविष्य की चिंता मत कीजिए।
Thank you..