
आज हम आपको प्राकृति के 3 ऐसे नियम बताने वाले हैं। जिसका उपयोग करके असंम्भव को भी सम्भव बनाया जा सकता है। आज तक इस दुनिया में जितने भी लोगों ने असंभव को संभव बनाया है। इन्ही तीन नियमों को अपनाकर बनाया है। आप भी इन नियमों का उपयोग करके किसी भी असम्भव से दिखने वाले काम को सम्भव बना सकते हैं।
असंभव शब्द का वास्तविक अर्थ
सबसे पहले हम जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर यह असंभव शब्द आया कहां से। कुछ लोग बार-बार असंभव शब्द का उपयोग क्यों करते हैं। क्यों वे असंभव नाम के मानसिक अवरोध को तोड़ नहीं पा रहे हैं। दरअसल इस शब्द का उपयोग प्राचीन काल में कुछ कायर और अंधविश्वासी लोगों द्वारा शुरू किया गया था। पुराने जमाने में अधिकांश लोग गरीब, अशिक्षित और सीधे सादे होते थे। उस वक्त विज्ञान का उदय भी नहीं हुआ था। इसलिए लोग किसी भी बात पर तर्क वितर्क करने के बजाय पंडित पुजारियों और समाज के कुछ प्रतिष्ठित लोगों की बातों पर आंख मूंद कर भरोसा कर लेते थे।
असंभव को संभव कैसे बनाएं
साइक्लोजिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार यह human behaviour का हिस्सा भी है। कि जब हम कुछ नहीं जानते या जब हमारे पास किसी सवाल का जवाब नहीं होता तो हम किसी के द्वारा कही गई या सुनी हुई बातों पर विश्वास कर लेते है। बिना किसी तर्क-वितर्क और उचित प्रमाण के। लेकिन आज हमारे आसपास हर जगह इस बात के पर्याप्त प्रमाण मौजूद हैं कि इंसान के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है। इंसान ने जब जब किसी असंभव चीज की कल्पना की है। हर बार उसे हकीकत में संभव करके दिखाया है। देखिए वैसे तो कोई भी काम जब तक पूरा नहीं हो जाता। हर किसी को असंभव जैसा ही लगता है। लेकिन जब हम पुरे लगन और समर्पण के साथ पुरा करने में जुट जाते हैं तो उसे संभव होना ही पड़ता है। बस जरूरत है, संकल्प, साहस और जूनून के साथ प्राकृति के नियमों को अपनाने की।
असंभव को संभव बनाने वाले 3 नियम

असंभव को संभव बनाने वाले ये 3 नियम है, “विज्ञान,अभ्यास और विश्वास।” जी हां दोस्तों यहीं वे तीन नियम है। जिसके बल पर असंभव को संभव बनाया जा सकता है। अब ये तीनों नियम कैसे काम करते हैं। आइए जरा विस्तार से समझते हैं।
- विज्ञान (science)
आप दुनिया में असंभव से लगने वाले जितने भी चमत्कार देख रहे हैं। वह सब विशेष ज्ञान की ही शक्ति है। विज्ञान की शक्ति का उपयोग करने के लिए आपको किसी एक विषय में विशेष ज्ञान प्राप्त करना होगा। पुरे लगन और गहनता के साथ। आज के टाईम में दुनिया में करीब 13 करोड़ बुक्स मौजूद हैं। जहां से आप अपने काम से संबंधित विशेष ज्ञान निकाल सकते हैं। आज के डिजिटल युग में यह काम और भी आसान हो गया है। अब आप इंटरनेट से ही काफी सारी चीजें सीख सकते हैं। वैसे आप चाहे तो इसे खुद के एक्सपिरियंस से भी प्राप्त कर सकते हैं। जब आप किसी एक विशेष विषय के बारे में जानने के लिए बिल्कुल ज्ञान की गहराई में उतरने लगते है तो ब्रह्माण्ड के गहरे-से गहरे राज भी आपके आंखों के सामने खुलने शुरू हो जाते हैं। यहां आपके कई सवालों के जबाव मिलते हैं। और आपको यह विश्वास होने लगता है कि सच में इस दुनिया में कुछ भी असम्भव नहीं है। किंतु बिना अभ्यास के ज्ञान का कोई महत्व नहीं होता। इसलिए यहां दूसरा स्टेप काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
- अभ्यास ( practice )
अब आपको कठिन परिश्रम से गुजरना होगा। आपको अपने विशेष ज्ञान पर लगातार प्रयोग करना होगा। तब तक जब तक आपको पता ना चल जाए कि क्या काम करता है और क्या काम नहीं करता। थामस अल्वा एडीसन ने बल्ब का अविष्कार करने के दौरान इसी सिद्धांत का पालन करते हुए लागातर 999 प्रयोग किए थे। कहते हैं कि लगातार 999 बार फेल होने के बाद उन्हें एक तरीका मालूम हुआ जिनसे बल्ब बनाया जा सकता था। लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता। हो सकता है कि आपको दूसरे, तीसरे या दसवें प्रयास में ही सही तरीका पता चल जाए। लेकिन जब आपको सही तरीका पता चल जाए तत्पश्चात निरंतर उसका अभ्यास करते रहना होगा। क्योंकि प्राकृति का नियम है कि हम जिस चीज का बार बार अभ्यास करते हैं उसे आपका subconscious mind अपनी आदत बना लेता है। आप जितना बार किसी चीज का अभ्यास करते हैं। आप उस चीज में उतना ही कुशल बनते जाते हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि लगातार कठिन परिश्रम करने के बाद भी परिणाम आपके अपेक्षा के अनुरूप नहीं होते। क्योंकि यह संसार में अनिश्चिताओं से भरा हुआ है। यहां हमेशा ऐसी अप्रत्याशित घटनाएं घटती रहती है। जिस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए कई बार आप या उब जाते हैं या निराश हो जाते हैं। ऐसे समय में एक चीज है जो आपके उम्मीद को जिंदा रखती है और आपको हारने नहीं देती हैं।

असंभव
- अटल विश्वास ( persistence belief )
Low of attraction के अनुसार विश्वास में इतनी अद्भुत शक्ति है कि आप जिस चीज में सच्चे दिल से विश्वास करते हैं। उसे हर हाल में सच होना ही पड़ता है। यदि आप विश्वास की शक्ति के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आप डा जोसेफ मर्फी की पुस्तक masic of faith पढ़ सकते हैं। यह पुरी पुस्तक विश्वास की शक्ति के बारे में ही लिखी गई है। संक्षेप में कहें तो यह सारी दुनिया विश्वास पर ही टिकी हुई है। लेकिन याद रहे कि हम विश्वास की बात कर रहे हैं अंधविश्वास की नहीं। ऐसा विश्वास कि जब सारी दुनिया कहती रहें कि यह असंभव है। यह नहीं हो सकता। तब भी आपका विश्वास ना टुटे। राईट ब्रदर्स जब हवाई जहाज बनाने की कोशिश कर रहे थे और बार बार असफल हो रहे थे तो उन्हें काफी लोगों ने समझाया कि अब जिद छोड़ दो। यह असंभव है। हम पक्षियों की तरह आसमान में नहीं उड़ सकते। लेकिन दोनों भाइयों को खुद पर विश्वास था इसलिए कई बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार असंभव को संभव करके दिखा दिया। उनके विश्वास की वजह से ही आज हम हजारों टन का वजन लेकर हवा में उड़ रहे हैं। यह तो एक छोटा सा उदाहरण है। अगर आप इतिहास उठा कर देखें तो आपको ऐसे हजारों उदाहरण मिल जाएंगे। जब इंसान ने विश्वास की शक्ति का उपयोग करके असंभव को संभव बनाया है। असंभव को संभव करने वाले ये तीनों नियम आज भी उतने ही प्रभावी है जितने कल थे। क्योंकि ये तीनों नियम प्राकृति के है और प्राकृति कभी अपने नियम नहीं बदलती। ना ही वह किसी के साथ भेदभाव करती हैं। यदि दशरथ मांझी असंभव को संभव कर सकते हैं। अरूणिमा सिन्हा कर सकतीं हैं। एडिसन कर सकते हैं। तो निश्चित रूप से आप भी कर सकते हैं।
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